scriptSpace: अंतरिक्ष में मिला ‘नरक’ जैसा ग्रह, भाप बन कर उड़ जाएगा इंसान ! | Space Hell Planet WASP-76b The Hellish Exoplanet with Scorching Temperatures | Patrika News
विदेश

Space: अंतरिक्ष में मिला ‘नरक’ जैसा ग्रह, भाप बन कर उड़ जाएगा इंसान !

Hell Planet: अंतरिक्ष में नरक जैसा एक ग्रह मिला है पारा 2000 डिग्री सेल्सियस पर, हवाओं में पिघले हुए लोहे के कण यूर्निवर्सिटी ऑफ जेनेवा के वैज्ञानिकों ने ऐसा नारकीय ग्रह खोजा है, जिसकी कल्पना भी उन्होंने नहीं की थी। इस ग्रह का नाम WASP-76B है।

नई दिल्लीSep 11, 2024 / 05:34 pm

M I Zahir

Hell Planet WASP-76b

Hell Planet WASP-76b

Space: अपने सौर मंडल से बाहर एक ऐसा ग्रह खोजा गया है, जो किसी ‘नरक’ से कम नहीं (Hell Planet)है। इसमें दिन का तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस है, हवाएं बेहद तेज चलती हैं।

हवाओं में लोहे के सूक्ष्म कणों की मात्रा बहुत ज्यादा है। ये कण इस ग्रह के वायुमंडल में तेजी से ऊपर-नीचे होते रहते हैं। कुल मिला कर यहां का मौसम बहुत खराब है।

गए और पिघले

यूर्निवर्सिटी ऑफ जेनेवा के वैज्ञानिकों ने ऐसा नारकीय ग्रह खोजा है, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। इस ग्रह का नाम WASP-76B है। यहां का मौसम बहुत खराब है। यहां हवा है लेकिन बहुत तेज गति में चलती है और हवा में लोहे के सूक्ष्म कणों की मात्रा बहुत ज्यादा है, यही नहीं दिन का तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस (Scorching Temperatures) रहता है यानी गए और पिघले।

ग्रह की सतह पर गिरते

हैरानी इस बात की है ये ग्रह अपने तारे से टाइडली लॉक्ड है, यानी जुड़ा हुआ है। जैसे हमारा चांद। इसलिए इसके चारों तरफ तेज हवाएं चलती रहती हैं। इनमें लोहे के कणों की मात्रा भी ज्यादा है। ये लगातार वायुमंडल में कभी ऊपर तो कभी नीचे होती रहती हैं। यानी यहां लोहे के कणों की परतें हैं, जो ज्यादा तापमान की वजह से दिन में पिघल-पिघल कर इस ग्रह की सतह पर गिरते रहते हैंं।

खास बातें

तापमान: WASP-76b ग्रह पर दिन का तापमान लगभग 2000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जो लोहे को भी पिघला देता है। यहां रात का तापमान भी बहुत कम नहीं होता, जिससे पूरे ग्रह पर एक अत्यधिक गर्म वातावरण बना रहता है।
हवा में लोहे के कण: इस ग्रह की सतह पर मौजूद पिघले हुए लोहे के कण वायुमंडल में उछलते रहते हैंं। दिन के समय, जब तापमान अधिक होता है, ये कण पिघल जाते हैं और हवा में तैरते हैंं। जब रात में तापमान कम होता है, ये कण ठंडे होकर वापस ठोस रूप में आ जाते हैंं।
हवाओं की गति: इस ग्रह पर हवाएं बहुत तेज होती हैंं, जो वातावरण में लोहे के सूक्ष्म कणों को उछालती रहती हैं। इन हवाओं की तीव्रता के कारण ग्रह का मौसम अत्यंत कठिन और अस्थिर हो जाता है।
टाइडली लॉक्ड स्थिति: जैसे चाँद हमारे पृथ्वी के प्रति एक ही तरफ होता है, WASP-76b भी अपने तारे के प्रति एक ही ओर होता है। इसके परिणामस्वरूप, ग्रह पर एक ओर हमेशा अत्यधिक गर्म और दूसरी ओर ठंडा होता है, जिससे परिधि पर गंभीर मौसम स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
वैज्ञानिक महत्व: इस प्रकार के ग्रहों का अध्ययन न केवल हमें सौरमंडल के बाहर की परिस्थितियों के बारे में जानकारी देता है, बल्कि यह भी समझने में मदद करता है कि अन्य सितारों और ग्रह प्रणालियों में क्या संभावित वातावरण हो सकते हैं। WASP-76b जैसे ग्रह, विशेष रूप से असामान्य तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण, ग्रह विज्ञान और खगोलशास्त्र के लिए एक महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्र प्रस्तुत करते हैं।

Hindi News/ world / Space: अंतरिक्ष में मिला ‘नरक’ जैसा ग्रह, भाप बन कर उड़ जाएगा इंसान !

ट्रेंडिंग वीडियो