गवाहों और पीड़ितों को डराया जा सकता है
अभियोक्ता गोलम मोनावर हुसैन तमीम ने कहा, हमने हसीना के घृणास्पद भाषण के प्रसार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, क्योंकि इससे कानूनी कार्यवाही में बाधा आ सकती है या गवाहों और पीड़ितों को डराया जा सकता है। उन्होंने पुष्टि की कि आइसीटी प्रतिबंध लागू करने के लिए सहमत हो गया है। अगर उनके भाषण प्रसारित होते रहे, तो न्यायाधिकरण के समक्ष गवाहों को लाना मुश्किल हो जाएगा। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि कौन सा प्राधिकारी यह निर्धारित करेगा कि हसीना के कौन से भाषण घृणास्पद माने जाएंगे या आदेश को कैसे लागू किया जाएगा।
बांग्लादेश छोड़कर भारत क्यों गईं
4 महीने पहले देश छोड़ने के बाद अपने पहले भाषण में हसीना ने पांच अगस्त के हालातों के बारे में बताया कि मैं खूनखराबा नहीं चाहती थी। हथियारबंद प्रदर्शनकारियों को गणभवन की ओर भेजा गया। अगर सुरक्षा गार्डों ने गोलियां चलाई होतीं, तो कई लोगों की जान जा सकती थी। मैंने सुरक्षा गार्डों से कह दिया था कि कुछ भी हो जाए गोलियां नहीं चलाएं। ऐसे हालात में मुझे वहां से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की तरह ही उनकी और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की योजना बनाई जा रही है।