हानिकारक गैसों को सोखने की क्षमता
एडिनबर्ग की हेरियट-वाट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक मार्क लिटिल ने कहा कि यह एक शानदार खोज है, क्योंकि हमें ग्रीनहाउस गैसों को अवशोषित और इकट्ठा करने के लिए इस तरह के पदार्थों की जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षणों के दौरान सामने आया कि इस पदार्थ में सल्फर हेक्साफ्लोराइड गैस (एसएफ-6) को सोखने की उच्चतम क्षमता है, जो वातावरण को गर्म करने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानी जाती है। नया पदार्थ ऊर्जा की खपत को कम कर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी रोक सकती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह पदार्थ ग्रीनहाउस गैसों के साथ हवा में मौजूद अन्य जहरीले धुएं को भी हटा सकता है।
3200 वर्ष तक रहती है हेक्साफ्लोराइड गैस
लिटिल ने बताया कि कार्बन डाइऑक्साइड गैस वायुमंडल में 5 से 200 साल तक रहती है, जबकि सल्फर हेक्साफ्लोराइड गैस 600 से 3,200 साल तक रहती है। वर्तमान में कार्बन डाइऑक्साइड गैस को वायुमंडल से हटाने के तरीके ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए, क्योंकि हम हर साल लगभग 20 अरब टन कार्बन छोड़ते हैं और मौजूदा तरीके सिर्फ 2 अरब टन गैस ही हटा पाते हैं। ऐसे में इस नए पदार्थ की मदद से कम खर्च में हवा से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड निकाली जा सकेगी। शोधकर्ताओं के अनुसार यह नया पदार्थ हवा में मौजूद ग्रीनहाउस गैसों के साथ-साथ कारों से निकलने वाले जहरीले धुएं को भी हटा सकता है।