अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय को सौंप दिया विवरण
रिपोर्ट के सुबूतों को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय को सौंप दिया गया है, जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बच्चों के लोकपाल मारिया लवोवा-बेलोवा के खिलाफ बाल निर्वासन के मामलों में पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुका है। रिपोर्ट में यूक्रेनी बच्चों को गोद लेने और के लिए रूस की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले व्यक्तियों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, कानूनी पैंतरेबाज़ी, प्रक्रियाओं और प्रणालियों का विवरण दिया गया है।
रिपोर्ट में 314 बच्चों का विवरण दिया गया
यह रिपोर्ट रूस द्वारा यूक्रेनी बच्चों को जबरन निर्वासित करने और उन्हें गोद लेने के प्रयासों पर प्रकाश डालती है, जो यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है। एचआरएल (येल ह्यूमैनिटेरियन रिसर्च लैब) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में 314 बच्चों का विवरण दिया गया है, जिन्हें रूस ने यूक्रेन से निकालकर अपने देश में भेजा और जबरन गोद लेने के लिए मजबूर किया। इनमें से 148 बच्चे रूस के चाइल्ड प्लेसमेंट डेटाबेस में सूचीबद्ध हैं, जबकि 166 बच्चे सीधे रूस के नागरिकों के पास रखे गए हैं।
गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया
बहरहाल इस रिपोर्ट के बाद, यूक्रेनी सरकार ने रूस से इन बच्चों का विस्तृत विवरण मांगते हुए यह कहा है कि इन 314 बच्चों के अलावा कई और बच्चों को भी रूस ने जबरन निर्वासित किया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रूस ने यूक्रेनी बच्चों को गोद लेने के लिए व्यक्तियों, संगठनों, और कानूनी प्रक्रियाओं का उपयोग किया है। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बच्चों के लोकपाल मारिया लवोवा-बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। दूसरी ओर, रूस ने यूक्रेन को नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) की सदस्यता देने की योजना को अस्वीकार्य बताया है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि एक देश की सुरक्षा दूसरे देश की कीमत पर नहीं होनी चाहिए, और यूक्रेन की नाटो सदस्यता की मांग रूस के लिए गंभीर चिंता का कारण है।