अमीर देश गरीब देशों को दें एक लाख करोड़ डॉलर की मदद
UN की मदद से तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन (China) को छोड़कर शेष विकासशील देशों को 2030 तक ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए 2.4 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा की जरूरत होगी। ब्रिटेन और मिस्र द्वारा किए गए एक विश्लेषण में यह पाया गया है कि इसमें से एक लाख करोड़ डॉलर की राशि संपन्न और विकसित देशों, निवेशकों और बहुपक्षीय बैंकों के जरिए आनी चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शेष 1.4 लाख करोड़ डॉलर की राशि गरीब देशों को स्थानीय रूप से जुटानी होगी।
चीन और UAE जैसे देश भी करें मदद
वर्तमान दानदाता देशों की मांग है कि दुनिया में ग्रीनहाउस गैसों का सबसे बड़े वार्षिक कार्बन उत्सर्जक देश चीन और संयुक्त अरब अमीरात ( एक प्रमुख फॉसिल फ्यूल पर आधारित अर्थव्यवस्था) को भी वे इस कोष में दान देना चाहिए, जो कि अन्यथा विकासशील देशों की श्रेणी में आते हैं।
भारत की ओर से कीर्ति वर्धन सिंह करेंगे शिरकत
इस सम्मेलन में भारत की ओर से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह 19 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। सम्मेलन में भारत को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 18-19 नवंबर का समय दिया गया है। वर्ष 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान पहली बार संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में भाग लेगा।