Google CEO ने दी श्रद्धांजलि
गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने व्यवसायी रतन टाटा के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि टाटा एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। X पर एक पोस्ट में पिचाई ने कहा कि रतन टाटा “भारत को बेहतर बनाने के बारे में गहराई से चिंतित थे।”
पिचाई ने कहा, “रतन टाटा के साथ Google में मेरी आखिरी मुलाकात थी। हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था।” उन्होंने कहा, “वह एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को सलाह देने और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत को बेहतर बनाने के बारे में उनकी गहरी चिंता थी। उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और शांति में रहें रतन टाटा जी।”
क्या लिखा BBC ने
वहीं ब्रिटिश मीडिया BBC ने रतन टाटा के निधन पर कवरेज की है। BBC ने ब्रिटिश बिजनेस सक्रेटरी जोनाथन रेनाल्ड्स का संदर्भ दिया है और लिखा है कि रतन टाटा भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बेहद खास शख्सियत थे। उन्होंने भारत को तो पूरी दुनिया में ताकतवर बनाया ही साथ में उन्होंने ब्रिटेन के उद्योग को भी वो आकार दिया जो यहां की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
दुनिया भर में 4 लाख लोगों को रोजगार दिया
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया अलजजीरा ने भी रतन टाटा के निधन की कवरेज की है। अलजजीरा ने लिखा कि रतन टाटा की वजह से उनकी कंपनियां दुनिया भर में विस्तार ले पाईं। पूरी दुनिया में TATA की 100 से ज्यादा कंपनियां हैं। य़े कंपनियां दुनिया भर में लगभग 4 लाख लोगों को रोजगार दे रही हैं। टाटा की कंपनी ने नमक से लेकर स्टील, कार तक की चीजें बना डालीं।
विदेशी कंपनियों का किया अधिग्रहण
वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि भारत समेत दुनिया के सबसे शक्तिशाली और दिग्गज शख्शियत रतन टाटा का निधन हुआ। उनके 21 साल के कार्यकाल में ही टाटा कंपनी ने 50 गुना से ज्यादा मुनाफा कमाया। भारत में उद्योग को विस्तार देने के बाद रतन टाटा ने विदेशी कंपनियों जैसे टेटली टी, फोर्ड, लैंड रोवर, जगुआर जैसी कंपनियों को अधिग्रहण किया और इन ब्रांड्स को एक नई सफलता पर पहुंचाया। अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी राउटर्स ने भी रतन टाटा को लेकर काफी कुछ लिखा है। एजेंसी ने रतन टाटा पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें उनके जन्म से लेकर पालन-पोषण, शिक्षा, हायर एजुकेशन, नौकरी और टाटा में उनके कद के बढ़ने से लेकर दुनिया के टाइकून बनने तक का घटनाक्रम शामिल हैं।
पद्म विभूषण ‘रतन’ हैं टाटा
बता दें कि 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में जन्मे टाटा रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे, जो भारत में निजी क्षेत्र के प्रवर्तित दो सबसे बड़े परोपकारी ट्रस्ट हैं। रतन टाटा 1991 से 2012 में अपनी सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष थे। उसके बाद उन्हें टाटा संस का मानद अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्हें 2008 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।