‘हम बनाम वे’ की मानसिकता छोड़नी होगी
राजनाथ ने इस मीटिंग में कहा कि वैश्विक संघर्ष मानवता के खिलाफ हैं। ऐसे में दुनिया के सभी देशों को ‘हम बनाम वे’ की मानसिकता छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि स्थायी शांति और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ने का रास्ता संवाद और कूटनीति ही है, न कि वैश्विक संघर्ष। उन्होंने यह भी कहा कि संघर्षों से मानव जीवन की हानि और आजीविका नष्ट होती है। क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर स्थिरता में बाधा आती है। इसका खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में सभी को आपसी संवाद और कूटनीति के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा।
आसियान और प्लस देशों के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता
राजनाथ ने आगे कहा कि आसियान और प्लस देशों के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता है और भारत प्रशांत महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए एडीएमएम-प्लस के साथ व्यावहारिक, दूरदर्शी और परिणामोन्मुखी सहयोग को बढ़ावा तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय जल में नौवहन, हवाई उड़ान और निर्बाध वैध व्यापार की स्वतंत्रता के प्रति संकल्पबद्ध है। राजनाथ ने भारत-आसियान गतिविधियों खासकर संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में महिलाओं के लिए पहल और समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण नियंत्रण में आसियान सदस्य देशों की उत्साहपूर्ण भागीदारी की सराहना की।
भारत के प्रस्ताव को समर्थन
इस मीटिंग में भारत ने आतंकवाद को आसियान क्षेत्र सहित अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बताते हुए इससे निपटने के लिए विशेषज्ञ कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) की सह-अध्यक्षता करने का प्रस्ताव रखा। इसे एडीएमएम-प्लस ने समर्थन दिया है।
इंडोनेशिया-वियतनाम से द्विपक्षीय वार्ता
मीटिंग के दौरान राजनाथ ने इंडोनेशियाऔर वियतनाम के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री प्रबोवो सुब्रियांतों के साथ बैठक में राजनाथ ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और समुद्री सुरक्षा सहयोग और मजबूत करने का संकल्प जताया। उन्होंने वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वांग जियांग से भी रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
राजनाथ से मिलने पहुंचे ऑस्टिन
भारत-अमेरिका की मज़बूत होती दोस्ती को रेखांकित करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन गुरुवार को शुरू हुई आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग के दौरान राजनाथ से मिलने कॉन्फ्रेंस रूम में पहुंच गए। इस दौरान दोनों नेताओं ने प्रशांत महासागर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा में दोनों देशों के योगदान पर चर्चा की।