शंघाई सहयोग संगठन समारोह हाल में अफगानिस्तान में हुए घटनाक्रम को लेकर काफी महत्वपूर्ण है। अफगानिस्तान में बीस साल से मौजूद अमरीकी सेना ने देश छोड़ दिया और तालिबान ने वहां की सत्ता पर कब्जा कर लिया। माना जा रहा है कि इस शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान के मुद्दे को भी प्रमुखता से रखा जाएगा।
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शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ में आठ सदस्य देश शामिल हैं। इनमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं। ताजिकिस्तान इस समूह का वर्तमान अध्यक्ष है। यह बैठक 16 से 17 सितंबर तक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस समारोह का नेतृत्व करेंगे और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समारोह में शामिल रहेंगे।
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बीते दो महीने में दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के विदेश, रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की कई बैठकें हुई हैं। कुछ दिन पहले ब्रिक्स देशों का 13वां शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ है। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। अफगानिस्तान को लेकर चीन और पाकिस्तान तथा रूस की जो तिकड़ी अभी तक बन रही थी, अब उसमें से रूस बाहर निकलता दिखाई दे रहा है।