अपराधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कोई पूर्व मामला नहीं था
न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने ईरानी राज्य टेलीविजन को बताया कि “हथियार से लैस एक व्यक्ति दो न्यायाधीशों के कमरे में घुसा और उन्हें गोली मार दी। न्यायपालिका के मीडिया सेंटर के बयान में कहा गया है, हमलावर की पहचान और उसका मकसद तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि अपराधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कोई पूर्व मामला नहीं था और न ही वह इसके आगंतुकों में से एक था ।
हमले में एक अंगरक्षक भी घायल हो गया
सरकारी स्वामित्व वाले तेहरान टाइम्स के अनुसार, ईरानी कैलेंडर में सप्ताह के पहले कार्य दिवस शनिवार को हुए हमले में एक अंगरक्षक भी घायल हो गया। ईरानी मीडिया ने कहा कि हमले में शामिल अन्य संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जांच चल रही है।
तीसरे एक जज की हालत गंभीर
वहीं, हमले में जख्मी हुए तीसरे जज और हमलावर की पहचान उजागर नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक एक शख्स ने अचानक 3 जजों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर ने खुद को भी शूट करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद घायल जज को अस्पताल में दाखिल करवाया गया। हमलावर ने हमले को किस वजह से अंजाम दिया, इसका खुलासा नहीं हो पाया है? इस सिलसिले में ईरानी एजेंसियां हमले की जांच में जुटी हैं।
रज़िनी पर भी हत्या के प्रयास का हमला किया
गौरतलब है कि सन 1998 में, 71 वर्षीय रज़िनी पर भी हत्या के प्रयास का हमला किया गया था, जब वह तेहरान की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, 68 वर्षीय मोकिस्से को सन 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से “अनगिनत अनुचित ट्रेल्स की निगरानी करने के लिए मंजूरी दे दी गई थी, जिसके दौरान आरोप निराधार हो गए और सुबूतों की अनदेखी की गई। हालांकि न्यायाधीशों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले दुर्लभ हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ईरान में हाई-प्रोफ़ाइल हस्तियों को निशाना बना कर कई गोलीबारी हुई हैं।