संकटग्रस्त देश के साथ खड़ा है भारत – PM मोदी
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को पोलैंड के वारसॉ में आयोजित सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने युद्ध को लेकर काफी साफ शब्दों में भारत की रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि “हम भारतीयों की एक पहचान ये है कि हम सबके बारे में सोचते हैं। दुनिया के किसी भी देश में संकट आए तो भारत पहला देश होता है, जो मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। COVID-19 आया तो भारत ने कहा मानवता सर्वप्रथम। हमने दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां और वैक्सीन भेजी। दुनिया में कहीं भी भूकंप आता है, कोई आपदा आती है, भारत का एक ही मंत्र है मानवता सर्वप्रथम। इसी भाव से भारत, दुनियाभर के नागरिकों की मदद करता है।” “आज मैं यहां 140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से पोलैंड का अभिनन्दन करता हूं। मैं आपको सेल्यूट करता हूं, भारत और पोलैंड में बहुत समानता है, उसमें से एक डेमोक्रेसी भी है। पोलैंड में भारत की भाषाओं को आप यहां की यूनिवर्सिटी में देख सकेंगे। भारत के गांव की कबड्डी को पोलैंड ने और ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है।”
सभी देशों से है भारत की नजदीकी
पीएम मोदी ने भारत की नीतियों का जिक्र करते हुए कहा, “ऐसे कई देश है, जहां दशकों तक भारत का कोई पीएम पहुंचा नहीं था। लेकिन, अब परिस्थितियां दूसरी है, आज के भारत की नीति है सभी देशों से नजदीकी बनाओ। आज का भारत सबके साथ है, सबके विकास की बात करता है। हमें गर्व है आज दुनिया भारत को विश्वबंधु का भाव दे रही है, जिन्हें कहीं जगह नहीं मिली, उन्हें भारत ने अपने दिल और जमीन में स्थान दिया है।”
महाराजा जाम साहब जडेजा को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने महाराजा जाम साहब जडेजा को याद किया। उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “पोलैंड तो सनातन भाव का साक्षी रहा है। जब पोलैंड दूसरे विश्व युद्ध के दौरान संकट में था, तब महाराजा जाम साहब जडेजा आगे आए। उन्होंने उनके लिए कैंप बनवाया था। जाम साहब के बनाए रास्ते को पोलैंड ने अभी भी बनाकर रखा है। गुजरात में जब दो दशक पहले भूकंप आया तो पोलैंड सबसे पहले मदद लेकर पहुंचा था।”
2047 तक विकसित होगा भारत
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस का जिक्र करते हुए कहा, “कुछ दिन पहले ही आप लोगों ने यहां आजादी का उत्सव मनाया है। आजादी के आंदोलन के समय हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने समृद्ध भारत का सपना देखा था, आज हर भारतीय उस सपने को साकार करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। भारत ने लक्ष्य तय किया है, भारत 2047 तक खुद को विकसित बनाने का संकल्प लेकर चल पड़ा है।” उन्होंने कहा, “अभी दो दिन बाद, 23 अगस्त को ही राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस है। इसी दिन भारत ने चंद्रमा के साउथ पोल पर अपना चंद्रयान उतारा था। जहां कोई देश नहीं पहुंच पाया, वहां भारत पहुंचा है और उस स्थान का नाम शिवशक्ति है। मैंने देश की जनता को वादा किया है, मेरे तीसरे टर्म में भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। नैसकॉम का अनुमान है कि भारत अपने डिजिटल अवसंरचना के कारण इस दशक के अंत तक एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।”