उज्बेकिस्तान के समरकंद में चल रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में, पीएम मोदी ने भारत के नवाचार, स्टार्ट-अप मॉडल को बढ़ावे दिए जाने को रेखांकित करते हुए बताया कि 1 . “हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम हर क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं। आज हमारे देश में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।”
2. समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दुनिया कोविड -19 महामारी पर काबू पा रही है। पीएम ने कहा कि कोविड -19 और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में कई व्यवधान आए हैं।
3. पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना चाहते हैं।” भारत का युवा और प्रतिभाशाली workforce हमें स्वाभाविक रूप से competitive बनाता है। 4. पीएम मोदी ने कहा, महामारी और यूक्रेन संकट के बीच ग्लोबल सप्लाई चैन में कई समस्याएं पैदा हुईं। इसके चलते पूरा विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है। SCO को सप्लाई चैन बढ़ाने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5% वृद्धि की आशा है। ये बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं।
5. पीएम मोदी ने कहा कि भारत पारंपरिक दवाओं पर नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करेगा। पीएम ने कहा कि “अप्रैल 2022 में, डब्ल्यूएचओ ने गुजरात में अपने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया। पारंपरिक उपचार के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा यह पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र था। भारत पारंपरिक पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए एक पहल करेगा।”
6. पीएम ने कहा कि, भारत आज विश्व में medical and wellness tourism के लिए सबसे किफायती destinations में से एक है। हमें SCO देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। 7. एससीओ समिट में पीएम मोदी ने खाद्य सुरक्षा की चुनौती से निपटने पर भी जोर दिया। इस संदर्भ में उन्होंने राजस्थान की मुख्य उपज बाजरा को और लोकप्रिय बनाने के भारत के प्रयासों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “एससीओ 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में चिह्नित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।” पीएम ने कहा कि इस समस्या का एक संभावित समाधान है millets की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना। Millets एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ SCO देशों में, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है, और खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है। वर्ष 2023 को UN International Year of Millets के रूप में मनाया जाएगा। हमें SCO के अंतर्गत एक ‘मिलेट फ़ूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए।
8. पीएम मोदी ने कहा कि लचीला आपूर्ति श्रृंखला के लिए, बेहतर कनेक्टिविटी और एक दूसरे को मुक्त आवाजाही का अधिकार देना महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि, एससीओ को हमारे क्षेत्र में लचीला आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रयास करना चाहिए।
9. पीएम मोदी ने एससीओ समिट में कहा, दुनिया तमाम चुनौतियां का सामना कर रहा है। ऐसे में एससीओ की भूमिका काफी अहम है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में SCO 30% योगदान देता है। SCO देशों में 40% जनसंख्या भी रहती है। भारत SCO देशों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।
10. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, व्यापार एवं संपर्क, संस्कृति और पर्यटन सहित सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए SCO सदस्य देशों के नेताओं के साथ बैठक में शामिल हुए।
वहीं, बैठक के दौरान, शी जिनपिंग ने 2023 के लिए भारत के एससीओ के अध्यक्ष पद का समर्थन किया। शी जिनपिंग ने समरकंद में चल रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में कहा, “हम अगले साल भारत के राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन करेंगे।”
पीएम मोदी ने भी किया ट्वीट पीएम ने लिखा है कि समरकंद में चल रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में, विशेष रूप से आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने में एससीओ कैसे रचनात्मक भूमिका निभा सकता है, इस जोर दिया। विशेषकर पोस्ट COVID युग में। साथ ही जन-केंद्रित विकास पर भारत में दिए जा रहे जोर पर भी प्रकाश डाला जो प्रौद्योगिकी को भी महत्व देता है।
कांग्रेस ने एससीओ समिट ग्रुप फोटो में पीएम मोदी की स्थिति पर उठाए सवाल
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट ग्रुप फोटो को लेकर सियासत छिड़ गई है। कांग्रेस ने फोटो में पीएम मोदी की स्थिति पर सवाल उठाया है। एससीओ का 22वां क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन आज उज्बेकिस्तान के समरकंद में शुरू हुआ। यह दो वर्षों में इस संगठन का पहला व्यक्तिगत शिखर सम्मेलन है।
2001 में हुई थी SCO की स्थापना बता दें, SCO संगठन की स्थापना जून 2001 में हुई थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में इस संगठन के पूर्ण सदस्य बन गए थे। एससीओ के आठ पूर्ण सदस्य हैं। जिनमें चीन, रूस, उज्बेकिस्तान, भारत, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकस्तान और पाकिस्तान हैं। वहीं, अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया इसके पर्यवेक्षक देश हैं जबकि कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका, तुर्की, अर्मेनिया और अजरबैजान डायलॉग पार्टनर्स हैं।