गैंगरेप के बाद महिला के नग्न शव की निकाली थी परेड
जिस महिला के नग्न शव की हमास के आतंकियों ने परेड निकाली उसकी उम्र 23 साल थी। उसका नाम सनि लौक था। हमास के आतंकियों ने इस महिला का पहले गैंगरेप किया फिर उसे कई शारीरिक और यौन यातनाएं दी जिससे उसकी मौत हो गई। हमास के आतंकियों का इससे भी नहीं भरा तो उन्होंने बेहद शर्मनाक और अपमानजनक तौर पर महिला के नग्न शव को खुली जीप (Hamas parading naked body of Israeli woman) में रखकर परेड निकाली। जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर तो वायरल हुई ही साथ ही इसने हमास की अमानवीयता और बर्बरता को पूरी दुनिया के सामने लाकर झकझोर दिया था। ये तस्वीर उन (Israel Hamas War) 20 फोटो में से थी जिसने अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को पिक्चर्स ऑफ द ईयर जैसे अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार श्रेणियों में से एक में पहला पुरस्कार जीतने में मदद की थी।
लोगों ने कहा पत्रकारिता के लिए आज काला दिन
ये अवॉर्ड मिसौरी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में डोनाल्ड डब्ल्यू रेनॉल्ड्स पत्रकारिता संस्थान की तरफ से दिया जाता है। इस तस्वीर को ये अवॉर्ड मिला है जैसे ही ये खबर (Hamas Attack on Israel) सोशल मीडिया पर आई तो ये आग की तरह फैल गई। बड़ी संख्या में लोग इस अवॉर्ड पर बिफर गए हैं। कई यूजर्स ने कहा है कि ये बेहद शर्मनाक और अपमानजनक है। ये एक बीमार होती मानसिकता को दिखाता है और ये पत्रकारिता के लिए एक ब्लैक डे की तरह है। किसी ने तो इसे नग्नता को प्रचारित करने वाली मानसिकता तक करार दिया।
इंस्टाग्राम पर फोटो तक किया था पोस्ट
इस मामले की संवेदनशीलता को इसी से समझा जा सकता है कि जब आयोजकों ने इस पुरस्कार का ऐलान किया था तो उन्होंने उसी तस्वीर को धंधुला कर अपने-अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थी लेकिन विवाद के बाद फिर से उसे हटा लिया गया था।
टैटू आर्टिस्ट थीं सनी लौक
बता दें कि सनी लौक के पास जर्मन और इजरायली नागरिकता थी। वो इज़राइल में रहती थीं उन्होंने अपना बचपन पोर्टलैंड, ओरेगॉन में भी बिताया था। यहां उन्होंने यहूदी पोर्टलैंड अकादमी में किंडरगार्टन में पढ़ाई की थी इसके बाद वो एक टैटू आर्टिस्ट के तौर पर काम कर रही थीं। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के दौरान हमास के आतंकियों ने उन्हें गाज़ा पट्टी के पास से बंधक बना लिया था।