रूस की यह धमकी सामने आई
पुतिन ने कहा, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की शर्तों में बदलाव जरूरी है, क्योंकि दुनिया तेजी से बदल रही है। पिछले सप्ताह अमरीका-ब्रिटेन की ओर से यूक्रेन को रूस के अंदर तक हमला करने की इजाजत देने और पश्चिमी देशों के यूक्रेन (russia vs ukraine)को लंबी दूरी की मिसाइल देने के बाद
रूस की यह धमकी (russia nuclear attack)सामने आई है। ब्रिटेन ने यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो क्रूड और अमरीका ने आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम मिसाइलें (russia nuclear weapons) दी हैं। लंबी दूरी की ये घातक मिसाइलें 500 किमी तक मार कर सकती हैं। यूक्रेन को अपनी ही सीमा में इनके इस्तेमाल की इजाजत है, लेकिन अब वह रूस के अंदर तक इनके इस्तेमाल की अनुमति चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन ने इसकी इजाजत दे दी है, जबकि अमरीका की अनुमति का इंतजार है। रूस ने किसी देश का नाम लिए बिना पश्चिमी देशों को संदेश दिया है कि वे लंबी दूरी तक मार करने मिसाइलें यूक्रेन को न दें।
रूस के पास सबसे ज्यादा हथियार
रूस दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु ताकत है। रूस के पास 6,372 परमाणु हथियार हैं। रूस और अमरीका के पास दुनिया का 88 फीसदी परमाणु हथियार भंडार है। रूस का वर्तमान परमाणु सिद्धांत 2020 में आया था। इसके मुताबिक रूस तब परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है, जब उसके अस्तित्व पर खतरा होगा। क्यूबा मिसाइल संकट जैसे बने हालात
यूक्रेन में करीब तीन साल से चल रहे युद्ध के बीच परमाणु संपन्न देशों के बीच तनातनी बढ़ गई है। ये 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट की याद दिलाता है, जब शीत युद्ध के दौरान दो महाशक्तियां अमरीका और सोवियत संघ परमाणु संघर्ष के बेहद करीब पहुंच गई थीं।
चीन में हथियार बनवा रहा रूस
लगभग तीन वर्ष से जारी संघर्ष के बीच रूस युद्ध के लिए लंबी दूरी के हमलावर ड्रोन के उत्पादन में चीन की मदद ले रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस की सरकारी हथियार कंपनी अल्माज-एंटे की सहायक कंपनी आइईएमजेड कुपोल ने चीन में गारपिया-3 (जी3) नामक ड्रोन मॉडल का परीक्षण किया था। इस बीच रूस ने इन खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जबकि चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें ऐसी किसी डील के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुपोल की रिपोर्ट के मुताबिक जी3 गार्पिया-ए1 का लेटेस्ट मॉडल है, जिसे चीनी विशेषज्ञों ने डिजाइन किया है। यह 400 ग्राम पेलोड के साथ अटैक करने की क्षमता रखता है।