हम अब आर्गेनिक खाना खाने लगे हैं
उन्होंने उदाहरण देते हुए patrika.com से कहा, “पहले लोग 125 साल तक जीते थे, लेकिन अब जीवन की अवधि घट गई है। इसका कारण है, सिविलाइजेशन के प्रभाव से हमारे खानपान में बदलाव आना। हम अब आर्गेनिक खाना खाने लगे हैं, जबकि जंगली जानवरों में मधुमेह जैसी बीमारी नहीं होती, क्योंकि उनका जीवन अधिक सक्रिय होता है।”
कम खाओ और ज्यादा जीओ
डॉ. शर्मा ने बताया कि वैज्ञानिक शोध से यह बात साबित हुई है कि पालतू कुत्ते और बिल्लियों को मधुमेह हो जाता है, जबकि जंगली जानवरों को यह बीमारी नहीं होती, क्योंकि उनका जीवन अधिक सक्रिय होता है। उन्होंने कहा, “कम खाओ और ज्यादा जीओ।” चूहों पर किए गए प्रयोग से यह सिद्ध हुआ कि जिन चूहों को तीन बार खाना दिया गया, उनकी उम्र कम हुई, जबकि एक बार खाना खाने वाले चूहों की उम्र लंबी हुई। यह साबित करता है कि कम खाने से जीवनकाल बढ़ सकता है।
हम प्राकृतिक जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ाएं
डॉ. शर्मा ने जीवनशैली को कुदरती रखने का सुझाव दिया और कहा कि हमें प्राकृतिक जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए। उन्होंने बायोनामी जीवन जीने के नियमों का उल्लेख करते हुए बताया कि यह जीवनशैली और आहार का परिवर्तन है, जो हमारे हार्मोनल संतुलन को बनाए रखता है और हमें 90 साल तक जीने में मदद करता है।
डॉ. प्रणव शर्मा, डॉरी फाउंडेशन और अस्पताल प्रोजेक्ट
डॉ. प्रणव शर्मा हाल ही में “राइजिंग राजस्थान” कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जयपुर पहुंचे थे। वे अपनी टीम की मदद से प्रवासी भारतीय चिकित्सकों के संगठन, डॉक्टर्स ऑफ राजस्थान इंटरनेशनल (डॉरी फाउंडेशन), के अंतरराष्ट्रीय डॉक्टर जयपुर में एक विश्वस्तरीय अस्पताल स्थापित करेंगे। यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और राजस्थान सरकार की मदद से यह आसपास के देशों और देशभर की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करेगा। दुनिया भर में फैले प्रवासी राजस्थानी डॉक्टरों का एक बड़ा समूह, डॉरी फाउंडेशन, राजस्थान सरकार के साथ मिलकर एक “थिंक टैंक” बनाएगा। यह थिंक टैंक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के मुद्दों पर सरकार को विशेषज्ञ राय देगा, जिससे राजस्थान की चिकित्सा सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सकेगा।