मेहुल चोकसी ने कोर्ट में दिया ये तर्क
हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने अपने दीवानी मुकदमे में तर्क दिया है कि एंटीगुआ के अटॉर्नी जनरल और पुलिस प्रमुख पर उसके खिलाफ दर्ज मामलों की जांच करने का दायित्व है। डोमिनिका के नेचर आइल न्यूज के मुतबिक मेहुल चोकसी ने अपने साथ अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार या सजा की आशंका भी जताई है।
अदालत ने यह कहा अपने आदेश में
एंटीगुआ और बारबूडा की हाईकोर्ट में मेहुल चोकसी ने अपने दावों की जांच की मांग करते हुए कहा कि वह 23 मई, 2021 को एंटीगुआ और बारबुडा से जबरन हटाने के आसपास की परिस्थितियों की त्वरित और गहन जांच का जिम्मा है। कोर्ट ने अपने आदेश में मेहुल चोकसी को एंटीगुआ-बारबूडा से बगैर उसके आदेश के हटाने पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा कि पहले प्रतिवादी को दावेदार (मेहुल चोकसी) के जबरन अपहरण और 23 मई 2021 को या उसके आसपास एंटीगुआ और बारबुडा के अधिकार क्षेत्र से हटाने की परिस्थितियों के रूप में आगे एक स्वतंत्र न्यायिक जांच करनी है।
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चोकसी का दावा, जबरन एक नाव में डोमिनिका ले जाया गया
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डोमिनिकन पुलिस इसकी पुष्टि करे कि इसके बारे में सबूत हैं कि चोकसी को उसकी इच्छा के खिलाफ जबरन डोमिनिका ले जाया गया था। चोकसी ने दावा किया था कि उसे जबरन एक नाव में डोमिनिका ले जाया गया था।