पहली बार साल 2013 में दिखा
इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने उसे 10 जुलाई, 2013 को उत्तरी कोलंबियन प्रशांत महासागर की त्रिबुगा खाड़ी में देखा था। वह 13 अगस्त, 2017 को प्रशांत महासागर में दिखने के बाद 22 अगस्त, 2022 को हिंद महासागर के जंजीबार चैनल में दिखाई दिया। व्हेल की यात्रा का अध्ययन करने वाली टीम के वैज्ञानिक टेड चीसमैन ने कहा, इस प्रजाति की यह सबसे लंबी यात्रा है। यात्रा का मकसद सिर्फ अपने लिए मादा की तलाश करना था।
जीवन चलने का नाम
वैज्ञानिकों के मुताबिक अटलांटिक महासागर में नर व्हेल ने कई मादा व्हेल को आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। वह दिशा बदलकर हिंद महासागर की ओर बढ़ गया। इससे पहले वह दक्षिणी सागर तक हो आया था। व्हेल मछलियों की यात्रा का खास पैटर्न होता है। वे हर साल उत्तर से दक्षिण की तरफ 8,000 किमी तक की यात्रा करती हैं।
पहले मादा ने बनाया था यात्रा का रेकॉर्ड
इससे पहले एक मादा हंपबैक व्हेल ने 1999 से 2001 के बीच ब्राजील से मैडागास्कर तक 9,800 किमी की यात्रा कर रेकॉर्ड बनाया था। उसकी यात्रा का मकसद भी पार्टनर की तलाश था। प्रजनन के मौसम में व्हेल मछलियां लंबी दूरी की यात्रा करती रहती हैं।