क्यों हो रही है ये घटना
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक 8 अप्रैल के पूर्ण सूर्यग्रहण (Total Solar Eclipse) के बाद मेजर लूनर स्टैंडस्टिल इस साल की दूसरी महत्त्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी। इस दौरान चांद आसमान में आने के बाद अपने सबसे चरम उत्तर और दक्षिण में अस्त होगा। यह आसमान में सबसे ऊंचे और सबसे निचले पॉइंट पर भी जाएगा। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि चांद सूर्य के बराबर रास्ते का अनुसरण नहीं करता। पृथ्वी (Earth) और चांद की गतिविधियों के कारण क्षितिज (Horizon) पर चांद के उगने और अस्त होने की दशा लगातार बदलती रहती है।
क्या है चंद्र ठहराव
चंद्र ठहराव (Major Lunar Standstill) तब होता है, जब पृथ्वी और चांद, दोनों का झुकाव अधिकतम होता है। इस दौरान चांद अपने सबसे ऊंचे उत्तर-पूर्वी पॉइंट पर उगता है और सबसे ऊंचे उत्तर-पश्चिमी पॉइंट पर अस्त होता है। इसी अवधि के दौरान यह अपने सबसे दक्षिण-पूर्वी पॉइंट पर भी उगता है और सबसे दक्षिण-पश्चिमी पॉइंट पर अस्त होता है।
एकदम साफ दिखेगी य़े अद्भुत खगोलीय घटना
खगोलविदों का कहना है कि मेजर लूनर स्टैंडस्टिल की दृश्यता चांद के चरण और मौसम पर निर्भर करेगी। जब चांद उगता है और सूर्य अस्त होता है, तब इसे एकदम साफ देखा जा सकेगा। क्षितिज पर चांद के उगने और अस्त होने की पोजिशन लगातार बदलती रहती है, जबकि सूरज के उगने और अस्त होने की दशा कभी नहीं बदलती।
कब दिखेगी ये मेजर लूनर स्टैंडस्टिल
वैज्ञानिकों के मुताबिक ये घटना सितंबर में होने वाली है। इसमें चांद लंबे समय तक आसमान में ठहरा नजर आएगा। ‘मेजर लूनर स्टैंडस्टिल’ (बड़ा चंद्र ठहराव) नाम की यह घटना हर 18.6 साल बाद होती है। पिछली बार यह 2006 में हुई थी। इस साल ये सितंबर से मार्च 2025 तक नजर आएगी।