अगले आने वाले सालों की दशा व दिशा तय होगी
Lok sabha Elections 2024 Update News in Hindi : राजस्थान के दौसा की सोशल मीडिया इन्फलुएन्सर धोली मीणा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय उच्चायोगों और दूतावासों को मतदान करने का अधिकार मिलना चाहिए। भारतीय लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। अभी हमारे देश में लोकसभा के चुनावी महायज्ञ की सुगंध हवाओं में हर और छाई हुई है। इसके प्रति आम से लेकर खास हर वर्ग में एक अलग ही जोश व उत्साह नजर आ रहा है। ऐसा होना लाज़मी भी है, क्यों कि लोकसभा चुनावों का हमारे देश में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि लोकसभा चुनाव से ही अगले आने वाले सालों की दशा व दिशा तय होगी।
देश के संचालन को लेकर संतुष्टि रहती
India Elections 2024 News in Hindi : उन्होंने कहा कि एक ज़िम्मेदार नागरिक की ज़िम्मेदारी है कि वो समय निकाल कर मतदान करने का फर्ज निभाए, क्योंकि आप अपना देश किसी के हवाले करने जा रहे हैं। हमारी ज़िंदगी से जुड़ा हर काम, हर क़ानून सरकार के नियमों के अनुसार तय होता है। ऐसे में जब आप इस बात को महत्व नहीं देंगे तो फिर शिकायत करने का कोई मतलब नहीं है। जब आप अपना नेता चुनते हैं तो आप निश्चिंत रहते है कि चुनाव ( Lok Sabha Elections 2024) में हमारा भी मत था।!फिर देश के संचालन को लेकर आपके अंदर एक संतुष्टि रहती है।
कई देशों में बसे भारतीय समुदाय संख्या 1.35 करोड़
India Elections Latest News : धोली मीणा ने कहा कि दुनिया के कई देशों में बसे हुए भारतीय समुदाय के लोगों की कुल संख्या लगभग 1.35 करोड़ से भी अधिक है। जिसमें सबसे अधिक प्रवासी भारतीय (NRIs) खाड़ी के संयुक्त अरब अमीरात , सऊदी अरब , ओमान , बहरीन, कुवैत और इराक जैसे देशों में बसे हैं। यूरोप (Europe) व अमरीका महाद्वीप (Continent of America) में भी भारी संख्या में प्रवासी भारतीय रहते हैं।
भारत पहुंच कर वोटिंग करना व्यावहारिक कारणों से संभव नहीं
2024 lok sabha election : उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय समुदाय की भी हार्दिक इच्छा होती है कि वो भी अपनी इस ज़िम्मेदारी को निभाएं, लेकिन अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसके माध्यम से प्रवासी भारतीय भी बाहर से वोट डाल सकें। फिर भी कुछ प्रवासी भारतीय भारत पहुंच कर वोट डालते हैं, लेकिन सभी प्रवासी भारतीय के लिए भारत पहुंच कर वोटिंग करना व्यावहारिक कारणों से संभव नहीं है। उसके लिए लंबी छुट्टी लेनी होती है और बहुत पैसा खर्च करना होता है। वहीं पारिवारिक जिम्मेदारिया भी आड़े आती हैं।
मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का अधिकार मिला
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम, 2010 में भारत के ऐसे नागरिकों को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने का अधिकार मिला है, जो किसी दूसरे देश में पढ़ाई, रोज़गार या किसी और वजह से रह रहे हैं और उन्होंने वहां की नागरिकता नहीं ली है।
फार्म 6 ए भरना ज़रूरी
धोली मीणा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार एक जनवरी को 18 साल की आयु पूरी कर चुके ऐसे एनआरआई अपने निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनके पासपोर्ट में भारत में उनका निवास स्थान का उल्लेख होना चाहिए. ऐसे एनआरआई को मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए फार्म 6 ए भरना ज़रूरी है।
ऑनलाइन वोटिंग ( Online Voting) का कोई प्रावधान नहीं
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम आने के बाद एनआरआई को मतदान ( Polling News update) का अधिकार मिल जाता है और मतदान के लिए ऐसे एनआरआई को अपने पासपोर्ट के साथ चुनाव के दिन मतदान केंद्र पर उपस्थित होना होता है। अभी एनआरआई के लिए डाक के ज़रिये मतदान,भारतीय मिशनों में मतदान या ऑनलाइन वोटिंग का कोई प्रावधान नहीं है।
दूतावासों के माध्यम से मतदान का अधिकार दिया जा सकता
धोली मीणा ने कहा कि सबसे आसान तरीक़ा यह है कि सरकार सरकार की ओर से हाई कमीशन और दूतावासों के माध्यम से प्रवासी भारतीयों को मतदान का अधिकार दिया जा सकता है। हालाँकि इस से दूतावास का काम बढ़ जाएगा, लेकिन सरकार चाहे तो इस बारे में प्रयास कर सकती है।