कैसे हो सकता है नॉर्थ कोरिया को फायदा?
मीटिंग से पहले किम ने पुतिन के साथ रूस का स्पेसपोर्ट देखा। स्पेसपोर्ट में रूस की स्पेस टेक्नोलॉजी से किम अवगत हुए। इसके साथ ही मीटिंग के बाद अगले दिन किम ने रूस के फाइटर जेट्स भी देखे। रूस के पास बेहतरीन स्पेस रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर है। वहीं नॉर्थ कोरिया इस मामले में उतना एडवांस्ड नहीं है। किम की लीडरशिप में नॉर्थ कोरिया स्पेस में सैटेलाइट लॉन्च करने की कोशिश कर चुका है, पर इसमें कामयाबी नहीं मिली। किम को स्पेस और रॉकेटरी में काफी दिलचस्पी भी है। ऐसे में रूस की मदद से नॉर्थ कोरिया स्पेस में सैटेलाइट के साथ ही रॉकेट भी लॉन्च कर सकता है।
नॉर्थ कोरिया में पावर और खाद्य सामग्री का संकट भी बढ़ रहा है। वहीं रूस पावर और अनाज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। ऐसे में रूस की मदद से नॉर्थ कोरिया में पावर और खाद्य सामग्री का संकट भी दूर हो सकता है।