कितना मजबूत है इजरायल का जासूसी नेटवर्क
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित किया कि इजरायल के पास एक मजबूत जासूसी नेटवर्क है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में फ्रांसीसी अखबार ले पेरिसियन के हवाले से दावा किया गया कि ईरानी जासूस ने हमले से पहले इजरायल को नसरल्लाह के ठिकाने के बारे में जानकारी दी थी। यह बेहद चौंकाने वाला खुलासा है क्योंकि ईरान न सिर्फ हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा समर्थक बल्कि उसने इस संगठन को खड़ा करने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी।
आतंकी संगठन के भीतर की घुसपैठ
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल्लाह के सामने इस वक्त संगठन की भीतरी घुसपैठ को रोकने की बड़ी चुनौती है। इस कथित घुसपैठ ने इजरायल को उसके हथियार भंडारों को नष्ट करने, संचार साधनों पर अंकुश लगाने और उसके सीनियर्स लीडर्स की हत्या करने का मौका दिया। हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर शुक्रवार रात को बड़ा हवाई हमला हुआ। इस हमले में न सिर्फ नसरल्लाह बल्कि आतंकी संगठन की आधी लीडरशिप काउंसिल और टॉप मिलिट्री कमांड खत्म हो गई।
पेजर अटैक के बाद सतर्क हो गया था नसरल्लाह
2006 के दूसरे लेबनान युद्ध के बाद से ही नसरल्लाह सार्वजिनक तौर पर कम नजर आता था, फिर पिछले दिनों लेबनान में हुए पेजर और वॉकी टॉकी विस्फोटों के बाद तो वो और भी अलर्ट हो गया। रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले कहा गया कि नसरल्ला की हत्या इस बात का संकेत है कि हिजबुल्लाह में इजरायल के मुखबिरों ने घुसपैठ कर दी। इजरायल का कहना है कि उसने दक्षिणी बेरूत में एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग के नीचे हिजबुल्लाह के अंडरग्राउड हेडक्वार्टर पर लड़ाकू विमानों से दर्जनों बंकर-बस्टिंग बम गिराकर नसरल्लाह पर हमला किया।
हिजबुल्लाह की खुफिया नाकामी!
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका और खुफिया नाकामी थी। इजरायली जानते थे कि नसरल्ला बैठक कर रहा है और दूसरे कमांडरों से मिल रहा है। इजरायली जैसे उसके पीछे ही पड़ गए थे। आईडीएफ प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नादव शोशनी ने शनिवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि सेना को रियल टाइम जानकारी मिली थी कि नसरल्लाह और अन्य कमांडर इकट्ठा हो रहे हैं। हालांकि शोशानी ने यह नहीं बताया कि ये जानकारी उन्हें कैसे मिली, लेकिन उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह इजरायल पर हमलों की योजना बनाने के लिए बैठक कर रहे थे।