जवाबी पलटवार की धमकियां
खामेनेई ने हमले का किसी समय का जिक्र किए बिना कहा, ईरानी राष्ट्र औैर उसके एक्सिस ऑफ रजिस्टेंस के साथ दुश्मन जो कुछ भी कर रहे हैं, -वह चाहे यहूदी शासन हो या अमरीका – उसका निश्चित रूप से उन्हें बहुत करारा जवाब मिलेगा। खामेनेई ने ईरान समर्थित सशस्त्र समूहों का भी उल्लेख किया, जिनमें यमन के हूती,
लेबनान के हिज़बुल्लाह और फिलिस्तीनी हमास शामिल हैं। गौरतलब है कि इसके पहले ईरान की सेना की ओर से जवाबी पलटवार की धमकियां दी जाती रही हैं।
खामेनेई के सलाहकार बोले, ईरान बदलेगा परमाणु नीति
उधर, ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई के सलाहकार और पूर्व विदेश मंत्री कमाल खर्राजी ने कहा है कि कट्टर दुश्मन इज़राइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच अस्तित्व के लिए खतरा होने पर तेहरान अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज बढ़ाने के साथ-साथ अपनी परमाणु बम नीति की भी समीक्षा कर सकता है। खर्राजी ने कहा, संघर्ष बढ़ने पर ईरान अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों की सीमा को 2,000 किमी (1,250 मील) की स्व-निर्धारित सीमा से आगे बढ़ाएगा। खर्राजी ने आगे कहा, यद्यपि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की तकनीकी क्षमता है, लेकिन वर्तमान में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की ओर से 2000 के दशक के प्रारंभ में जारी एक धार्मिक आदेश के कारण वह आगे नहीं बढ़ रहा है। फतवे में परमाणु हथियारों के विकास पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन, अब इस नीति में बदलाव का वक्त आ गया है। दोहा में युद्ध विराम वार्ता विफल
कतर की राजधानी दोहा में हुई युद्ध विराम वार्ता से भी शांति के समाचार नहीं मिले हैं। इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख और अमरीका खुफिया एजेंसी सीआइए के डायरेक्टर ने हमास के नेताओं के संग इस बैठक में हिस्सा लिया था। हमास के अधिकारी समी अबू जुहरी ने कहा है कि
इज़राइल के प्रस्ताव में प्रस्तुत युद्ध विराम प्रस्ताव उनकी मांगें पूरी नहीं करता। उन्होंने कहा, हमास गाजा में इज़राइल के बंदियों की रिहाई के बदले में अस्थायी युद्ध विराम स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि इसके बाद इज़राइल फिर से बमबारी शुरू कर देगा।
अमरीका पश्चिम एशिया में तैनात करेगा बी-52 बॉम्बर
अमरीका ने बढ़ते तनाव के बीच पश्चिम एशिया में अतिरिक्त सैन्य विमान और हथियारों की तैनात करने की घोषणा की है। इसमें बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने वाले प्रणाली के साथ लंबी दूरी के बी-52 बमवर्षक विमान शामिल हैं। इसे, सीधे-सीधे ईरान के लिए एक चेतावनी माना जा रहा है। इसके पहले के इज़राइल के सेनाध्यक्ष हर्जी हवेली ने कहा था कि यदि ईरान फिर से इज़राइल पर हमला करने की गलती करता है, तो हमें पता है कि ईरान तक कैसे पुहंचना है… और बहुत ज़ोरदार हमला करना है।