रोज के चांद से है बेहद अलग
नासा के मुताबिक 17 अक्टूबर को चांद पृथ्वी की कक्षा में अपने निकटतम बिंदु ‘पेरिगी’ पर पहुंच जाएगा। इस वजह से वह आम पूर्णिमा के मुकाबले सामान्य से 15 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकीला दिखाई देगा। जिन इलाकों में आसमान साफ होगा और रात को रोशनी कम होगी, वहां यह साफ नजर आएगा।
सर्दी की शुरुआत
हंटर मून नाम पश्चिमी देशों में लोकप्रिय है। प्राचीन काल में यह शिकारियों के लिए संकेत होता था कि वे सर्दियों की तैयारी शुरू कर दें। वे बड़ा चांद देखकर शिकार शुरू करते थे। अमरीका और कुछ दूसरे पश्चिमी देशों में इसे ‘फॉलिंग लीव्स मून’ और ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है।
सूर्यास्त के बाद
भारत में हंटर मून 17 अक्टूबर की शाम 4:26 बजे से देखा जा सकेगा। हालांकि यह अलग-अलग इलाकों में सूर्यास्त के समय पर निर्भर करेगा। सूर्यास्त के फौरन बाद हंटर मून दिखाई देने लगेगा। भारत में इस साल दो और पूर्णिमा (16 नवंबर और 15 दिसंबर) पर चांद बड़ा नजर आएगा।