कामगारों पर पड़ेगा सीधा असर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब सरकार क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में ‘विजन 2030’ पर काम कर रही है। इसके तहत वह अपने नागरिकों को ज्यादा रोजगार देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। नए नियमों में सभी आवेदकों को शैक्षणिक योग्यता सत्यापित करानी होगी। कंपनी मालिकों और एचआर विभागों से प्रवासी कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों के साथ अन्य जानकारी सत्यापित करने को कहा जा रहा है।
सऊदी अरब में भारतीयों के लिए योग्यताओं का सत्यापन जरूरी
सऊदी अरब के अफसरों का कहना है कि इस पहल से भर्ती प्रक्रिया सुव्यवस्थित होने और कार्यबल की गुणवत्ता में वृद्धि की उम्मीद है। सऊदी मिशन की ओर से भारत में भी परिपत्र जारी किया गया। इसमें कहा गया कि 14 जनवरी से कार्य वीजा जारी करने के लिए दस्तावेजों का सत्यापन अनिवार्य हो जाएगा। नए नियमों से आ सकती है कई परेशानियां
केरल से राज्यसभा सांसद हारिस बीरन का कहना है नए नियमों से कई परेशानियां आ सकती हैं। देश में पर्याप्त परीक्षण केंद्र नहीं हैं, जहां आवेदक सत्यापन करवा सकें। कार चालकों के लिए परीक्षण केंद्र राजस्थान के अजमेर और सीकर में हैं। दक्षिण के आवेदकों को लंबी दूरी तय करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय
सऊदी अरब में बांग्लादेश के बाद भारतीय दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक वहां 24 लाख से ज्यादा भारतीय बसे हुए हैं। इनमें से 16.4 लाख निजी क्षेत्र और 7.85 लाख घरेलू कामों में लगे हुए हैं। सऊदी अरब के श्रम बाजार में भारतीय कामगार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बांग्लादेश के प्रवासी कामगारों की संख्या 26.9 लाख है।