पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सिंध, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा जैसे राज्य़ों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है, वहीं कराची में स्कूलों को खोलने पर मामला गर्मा गया है। लोगों ने आदेश के बावजूद कराची में स्कूल खोलने का विरोध जताया है।
पाकिस्तान के मौसम विभाग ने बताया कि वर्तमान में गुजरात (भारत) के उत्तर में स्थित गहरे दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटों के दौरान पाकिस्तान (पूर्वी सिंध) के करीबी इलाकों में पहुंचने की संभावना है। जिसके चलते पाकिस्तान में खासतौर पर दक्षिणी भागों में मजबूत मानसून धाराएं आ रही हैं। 29 अगस्त से पाकिस्तान ऊपरी भागों में पश्चिमी लहर के भी प्रभाव पड़ रहा है।
इन राज्यों में 31 अगस्त तक का अलर्ट
मौसम विभाग ने पाकिस्तान के 6 प्रांतों में 31 अगस्त तक का बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया है। जिसमें सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, गिलगित-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर शामिल हैं। साथ ही ये भी बताया है कि भारी बारिश के चलते, 29 , 30 और 31 तारीख को इस्लामाबाद/रावलपिंडी, गुजरांवाला, लाहौर, शेखपुरा, कसूर, सियालकोट, सरगोधा, फैसलाबाद, मुल्तान, साहीवाल, ओकारा, पाकपट्टन, नौशेरा और पेशावर के निचले इलाकों में शहरी बाढ़ आ सकती है । वहीं 31 दिसंबर तक मुर्री, गलियात, मनसेहरा, कोहिस्तान, चित्राल, दीर, स्वात, शांगला, बुनेर, कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाकों, डेरा गाजी खान और वजीरिस्तान में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो सकता है।
बारिश से हुआ भारी नुकसान
पाकिस्तान के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) ने कहा है कि बारिश ने (Heavy Rain) 5,448 लोगों को प्रभावित किया है। 1 जुलाई से मानसून की बारिश शुरू होने के बाद से पूरे पाकिस्तान में 2,200 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इनमें से 500 घर तो पूरी तरह ढह गए हैं वहीं 1600 से ज्यादा घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा 102 एकड़ फसलें और 35 किलोमीटर सड़कें भी बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। PDMA की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारी बारिश के चलते 7 पुल भी बह गए हैं और 131 पशुओं की भी मौत हुई है। बता दें कि भारत की ही तरह पाकिस्तान में भी वार्षिक मानसून सीज़न जुलाई से सितंबर तक चलता है। वैज्ञानिकों और मौसम जानकारों ने हाल के सालों में भारी बारिश के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले 2022 में भारी बारिश ने पाकिस्तान के एक तिहाई हिस्से को डुबा दिया था। जिससे 1,739 लोगों की मौत हो गई और 30 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।