फ्रांसीसी मीडिया में आई खबरों में पहले ही कहा गया था कि श्रम मंत्री एलिसाबेथ बोर्न इस पद के लिए मैक्रों की पसंद हैं। फ्रांस में किसी राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान एक से अधिक प्रधानमंत्री का नियुक्त होना आम बात है। बता दें, एलिसाबेथ बोर्न ने 2020 के आसपास मैक्रों की पिछली सरकार में श्रम मंत्री के रूप में भी काम किया है।
इससे पहले, बोर्न परिवहन मंत्री थीं और बाद में मैक्रों के तहत पर्यावरण संक्रमण मंत्री भी थीं। अब नए प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उनका पहला कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि जून में फ्रांस के संसदीय चुनाव में मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी और उसके सहयोगी अच्छा प्रदर्शन करें। राष्ट्रपति मैक्रों और नई प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न आने वाले दिनों में फ्रांस की पूर्ण नई सरकार नियुक्त के लिए बातचीत करेंगे।
तो वहीं राष्ट्रपति मैक्रों ने फ्रांस में रहने की बढ़ती लागत के संबंध में एक विधेयक लाने का भी वादा किया। देश में खाद्य सामग्री और ऊर्जा यानी तेल एवं गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। यह विधेयक उनकी नयी सरकार द्वारा तैयार किया जाएगा और संसदीय चुनाव के ठीक बाद पेश किए जाने की उम्मीद है। मैक्रों ने ये भी वादा किया कि नए प्रधानमंत्री सीधे ‘हरित योजना’के प्रभारी होंगे, जो फ्रांस की जलवायु संबंधी नीतियों के कार्यान्वयन में तेजी लाना चाहते हैं। मैक्रों ने अपने दूसरे कार्यकाल में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के लिए दोगुनी तेजी से कदम उठाए जाने का संकल्प लिया।