बता दें कि उन्हें मेलेनोमा त्वचा कैंसर था जिसमें ट्यूमर उनके जिगर और मस्तिष्क तक फैल गया था। वाशिंगटन पोस्ट ने ये भी लिखा कि कार्टर की आखिरी तस्वीर 1 अक्टूबर को उनके घर के बाहर परिवार और उनके करीबी दोस्तों के साथ खींची गई थी, जब वे अपने 100वां जन्मदिन मना रहे थे।
अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति
1976 में जिम कार्टर (Jimmy Carter) अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति बने। जिम कार्टर को कैंप डेविड समझौते के लिए याद किया जाता है। इसी समझौते के तहत 1967 के छह दिवसीय युद्ध में कब्जाए गए क्षेत्र से पहली बार इजरायल की वापसी हुई और इजरायल-मिस्र के बीच शांति संधि हुई। इन्होंने देशी तेल के सस्ते विकल्प के तौर पर अक्षय ऊर्जा का बीड़ा उठाया। इसके अलावा जिस पनामा नहर पर आज चीन से अमेरिका का विवाद गहरा गया है उसी नगर पर संधि को आगे बढ़ाने में कार्टर की बड़ी भूमिका थी। उनके फैसले से ही महत्वपूर्ण जलमार्ग को पनामा के नियंत्रण में लाया गया। इससे लैटिन अमेरिकी पड़ोसियों के साथ अमेरिका के संबंधों में सुधार हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस पनामा नहर का उद्घाटन किया था। इसी का फायदा उठाते हुए जिम कार्टर ने चीन को पूर्ण राजनयिक मान्यता प्रदान दे दी और मानवाधिकारों को अमेरिकी विदेश नीति का केंद्रीय विषय बना दिया।
क्यों मिला था नोबल पुरस्कार
जिमी कार्टर को अमेरिका में उनके कार्यों के सम्मान में जिसमें “अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान ढूंढने, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने और आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
जो बाइडेन ने दी श्रद्धांजलि
जिम कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और प्रथम महिला जिल बिडेन ने शोक जताया है। जो बाइडेन ने उन्हें एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी बताया। व्हाइट हाउस के जारी एक बयान मे उन्होंने कहा कि “अपनी करुणा और नैतिक स्पष्टता के साथ, उन्होंने बीमारी को मिटाने, शांति स्थापित करने, नागरिक अधिकारों और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने, निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा देने, बेघरों को घर देने और हमेशा हमारे बीच सबसे कमज़ोर लोगों की वकालत करने के लिए काम किया। उन्होंने दुनिया भर में लोगों के जीवन को बचाया, उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाया है और उसे पूरी तरह बदला है।