बुध पर मिले नमक के ग्लेशियर के प्रमाण
हाल ही में प्लैनेटरी साइंस इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्हें रिसर्च में बुध पर नमक के ग्लेशियर के प्रमाण मिले हैं। इससे वहाँ जीवन होने की संभावना जताई जा रही है।
पृथ्वी के ग्लेशियर से अलग
बुध ग्रह पर नमक के ग्लेशियर पृथ्वी के ग्लेशियर से अलग हैं। यह गहरी समृद्ध परतों में निकले हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि उनकी रिसर्च इस बात की मजबूती से पुष्टि करता है कि नमक के प्रवाह ने इन ग्लेशियरों को पैदा किया होगा। बाद में जमकर इन्होंने उडऩे वाला पदार्थ अपने अंदर समेट रखा होगा। ग्लेशियर से सौरमंडल में कई स्थानों पर जीवन की उम्मीद बनती है।
बुध पर तापमान
प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक सूर्य के बहुत पास होने के कारण बुध ग्रह पर दिन का अधिकतम तापमान 430 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। रात का तापमान माइनस 180 डिग्री तक गिर जाता है। वहाँ किसी तरह का वायुमडंल नहीं है, जो सतह पर पडऩे वाली रोशनी से बनी ऊष्मा को रोक सके।
समझ बढ़ी, संभावनाओं के आयाम खुले
वैज्ञानिकों का कहना है कि रिसर्च ने ग्रहों के विकास की उनकी समझ बढ़ाने के साथ पृथ्वी के बाहर जीवन की संभावनाओं के नए आयाम खोले हैं। रिसर्च के प्रमुख लेखक एलोक्सिस रोड्रिगेज ने कहा कि इससे पहले रिसर्च में प्लूटो पर नाइट्रोज़न के ग्लेशियर होने के प्रमाण मिले थे। इससे पता चलता है कि सौरमंडल में बहुत गर्म और बहुत ठंडे माहौल में भी ग्लेशियर बन सकते हैं।