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दुनिया का वो देश जहां के हर नागरिक को बनना पड़ता है सैनिक, बेहद कड़े हैं यहां के नियम

Military Rule: दुनिया के अलग-अलग देशों में सेना में भर्ती के अलग-अलग नियम कानून है, लेकिन इकलौता देश ऐसा है जहां के सेना में भर्ती के कानून हर नागरिक के लिए है यानी यहां के हर नागरिक को चाहे वो महिला हो या पुरुष उसे सेना में भर्ती होना ही होता है।

नई दिल्लीDec 20, 2024 / 11:03 am

Jyoti Sharma

Every citizen has to join Army in Israel know its Law

Every citizen has to join Army in Israel know its Law

Military Rule: किसी भी देश की सेना की मजबूती उस देश की ताकत का आइना होती है। दुनिया में सबसे ताकतवर देश कौन सा है इसका पैमाना उसकी सेना और उसके पास मौजूद हथियार होते हैं। जिसके पास जितनी सेना उतना ही मजबूत वो देश। इस लिहाज़ से इजरायल (Israel) इस दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। जी हां, दरअसल इजरायल ही एक ऐसा देश हैं जहां के सभी महिला-पुरुषों को सेना में भर्ती होना पडता है। ये इजरायल का कानून है और इसका पालन सभी को करना पड़ता है। इज़राइल में सभी नागरिकों को सेना में भर्ती करने का प्रावधान “Defense Service Law” (1959) के तहत किया गया है। ये कानून इज़राइल की सुरक्षा और रक्षा तंत्र का एक अभिन्न हिस्सा है। 

क्या है ये कानून?

इस कानून के मुताबिक इजरायल के सभी योग्य नागरिकों (महिला-पुरुष दोनों) को एक निर्धारित आयु सीमा के भीतर सेना में अपनी सेवा देनी होती है। पुरुषों के लिए इजरायल में सैन्य सेवा की मियाद लगभग 32 महीने और महिलाओं के लिए लगभग 24 महीने यानी दो साल की होती है। इजरायल में ये कानून देश की सुरक्षा स्थिति के चलते लागू किया गया है। इजरायल के इस कानून का उद्देश्य देश की सुरक्षा को मजबूत करना है। क्योंकि इज़राइल भू-राजनीति के लिहाज से एक संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। इसके चलते इसे लगातार बाहरी खतरों का सामना करना पड़ता है।

इजरायल में इस कानून के कुछ अहम नियम

1- इजरायल में पुरुषों को 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद लगभग 32 महीने की सैन्य सेवा करनी होती है ये अनिवार्य ही है। 
2- महिलाएं 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद लगभग 24 महीने के लिए सेना में शामिल होना होता है। 

3- महिलाओं के लिए ये अनिवार्यता कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट के साथ लागू होती है जैसे शादी, गर्भावस्था, धार्मिक मान्यताएं। 
4- अरब समुदाय के इजरायली नागरिकों को इस अनिवार्य सेवा से छूट दी गई है।

5- हारेदी यहूदी समुदाय (रुढ़िवादी यहूदी) को धार्मिक कारणों से छूट मिल सकती है।

6- शारीरिक या मानसिक बीमारी के चलते भी सैन्य सेवा में छूट दी जा सकती है। 
7- अगर कोई नागरिक सेना में नहीं जाना चाहता तो उनके सामने सिविल सेवा का ऑप्शन रखा जाता है। 

8- जो नागरिक इस अनिवार्य सैन्य सेवा को पूरी कर लेते हैं फिर उन्हें रिजर्व फोर्स में रखा जाता है।
9- पुरुषों को आमतौर पर 40 साल की उम्र तक सालाना कुछ हफ्तों के लिए रिजर्व सेवा करनी पड़ती है।

10- महिलाओं को रिजर्व सेवा से छूट मिलती है। लेकिन वे अपनी इच्छा से सेना में सेवाएं दे सकती हैं। 
11- इजरायल के जो नागरिक अपने शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य के चलते सेना में लड़ाकू भूमिका नहीं निभा सकते उन्हें गैर-लड़ाकू पदों जैसे प्रशासन, आईटी, या चिकित्सा सेवाओं में भर्ती दी जाती है। 

अनिवार्य सैन्य सेवा देने वालों को दिया जाते हैं खास फायदे 

इजरायल के उन नागरिकों को जिन्होंने सेना में अनिवार्य सेवाएं दी हैं उन्हें नेतृत्व कौशल, टीम वर्क और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देने का अनुभव तो मिलता है। साथ ही सेना के बाद नागरिकों को शिक्षा, रोजगार और दूसरे सामाजिक कार्यों में प्राथमिकता दी जाती है।

कानून को लेकर विवाद भी 

इजरायल में इस अनिवार्य सेवा कानून को लेकर बहस और विरोध हुए हैं। खास तौर पर धार्मिक और अरब समुदायों को दी जाने वाली छूटों को लेकर विवाद गर्माता रहता है। इसलिए यहां की सरकार समय-समय पर इस कानून में संशोधन करती रहती है ताकि इसे देश की जरूरतों के मुताबिक बनाया जा सके। 

इन देशों में नागरिकों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य 

इजरायल के अलावा कई दूसरे देशों में सेना में सेवा की अनिवार्यता जैसे कानून हैं लेकिन अलग नियमों के साथ जैसे दक्षिण कोरिया, स्विट्डरलैंड, सिंगापुर, तुर्की, रूस नॉर्वे, फिनलैंड, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, और ईरान। 

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