कब गिरेगा धरती पर?
सालसा नाम का उपग्रह धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते ही जलने लगेगा। वैज्ञानिक इसे प्रशांत महासागर में गिराने का काम कर रहे हैं, ताकि कम से कम नुकसान हो। वैज्ञानिक इसे बेहद कंट्रोल्ड तरीके से 1 लाख 30,000 किमी से नीचे दक्षिण प्रशांत के एक चुने हुए क्षेत्र में गिराने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जिसके बारे में कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा को ये प्रशांत महासागर में ही गिरेगा। ये घटना कुछ दिनों बाद 8 सितंबर को ही होने वाली है। इसी तरह कुछ साल पहले कंट्रोल़्ड तरीके से एक और उपग्रह को समंदर में गिराया गया था। ताकि अंतरिक्ष में कचरा कम से कम फैले और धरती पर रिहायशी इलाकों में इसके नष्ट होने से रोका जा सके।
तीन और साथियों के साथ हुई थी सालसा की लॉन्चिंग
बता दें कि सालसा क्लस्टर चार-टुकड़ों वाले समूह का एक सदस्य है। साल्सा के तीन और सैटेलाइट सन् 2000 में अंतरिक्ष में भेजे गए थे। जिनका नाम भी डांस फॉर्म में रखा गया था, इनका नाम था रूंबा, टैंगो और सांबा, चौथा है सालसा। ये चारों साल 2000 से चार समान उपग्रह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं। जब क्लस्टर पहली बार लॉन्च हुआ, तो इसका मिशन केवल दो साल तक चलने का इरादा था। इसके बजाय, इसके उपग्रह अभी भी बरकरार हैं और लगभग एक चौथाई सदी बाद भी मूल्यवान वैज्ञानिक डेटा वापस भेज रहे हैं। अफ़सोस, क्लस्टर के दिन अब गिनती के रह गये हैं।