क्यों पीछे चल रहा ये देश?
इथियोपिया (Ethiopia) पूरी दुनिया से 7-8 साल पीछे इसलिए है क्योंकि वो जिस कैलेंडर का पालन करते हैं वो ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) नहीं है जिसके मुताबिक पूरी दुनिया चलती है। दरअसल इथियोपिया गीज़ कैलेंडर (Ge’ez Calendar) का पालन करता है, जो प्राचीन कॉप्टिक कैलेंडर से लिया गया है। इस कैलेंडर में 13 महीने, 30 दिनों के 12 महीने और एक अंतरालीय महीना होता है जिसे पगुमे के नाम से जाना जाता है, जिसमें आमतौर पर 5-6 दिन होते हैं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि यह लीप वर्ष है या नहीं। ये बिल्कुल वैसा है जैसा ग्रेगोरियन कैलेंडर में फरवरी के महीने में होता है।
कब से शुरू होता है नया साल
इथियोपियाई कैलेंडर का नया साल मेस्केरेम 1 से शुरू होता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक गैर-लीप वर्ष में 11 सितंबर है। यानी जब 2024 के मुताबिक दुनिया में 11 सितंबर का दिन आता है उस दिन इथियोपिया अपना नया साल मनाती है वो भी सात साल पहले का।
इथियोपिया क्यों नहीं मानता ग्रेगोरियन कैलेंडर
अब सवाल आता है कि दुनिया के इतने आगे बढ़ने के बाद भी इथियोपिया 7 साल पीछे क्यों जी रहा? क्यों उसने ग्रेगोरियन कैलेंडर को नहीं अपनाया है? तो इसका जवाब है कि इथियोपिया अपने प्राचीन कैलेंडर का पालन करने को गर्व समझता है जो इस देश की संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। इथियोपिया का गीज़ कैलेंडर का ये बताता है कि वो वर्तमान वैश्वीकरण और औपनिवेशिक प्रभाव से अपनी पहचान की सुरक्षा करने में सफल रहा है जो कई देशों के लिए एक सीख है।