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दक्षिण कोरिया में श्रीलंका-बांग्लादेश जैसे हालात, लागू करने के चंद घंटों बाद हटाया गया मार्शल लॉ, जानें पूरा मामला 

South Korea: दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने पहले मार्शल लॉ़ लगाया फिर विपक्षियों के भारी विरोध के बाद इसे वापस ले लिया, कई विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद अब राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की जा रही है।

नई दिल्लीDec 05, 2024 / 03:11 pm

Jyoti Sharma

Emergency martial law dismissed in South Korea President Yoon Suk Yeol on backfoot
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Emergency martial law dismissed in South Korea President Yoon Suk Yeol on backfoot

South Korea: दक्षिण कोरिया के हालात अब श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे बन चले हैं। दक्षिण कोरिया में यहां के राष्ट्रपति यून सुक योल (Yoon Suk Yeol) के इस्तीफे की मांग की जा रही है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और संसद में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। हालात देखते हुए राष्ट्रपति ने बीती मंगलवार रात को विपक्षी दलों की गतिविधियों को राष्ट्रीय सुरक्षा और संवैधानिक व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए देश में आपातकालीन मॉर्शल लॉ (Martial Law) लागू करने की घोषणा की लेकिन विपक्षियों के विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया। 
राष्ट्रपति का मार्शल लॉ लागू करने के फैसले के विरोध में सिओल में जनता सड़कों पर उतर आई। वे बंद संसद के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे। हालात बेकाबू होते देख बुधवार को राष्ट्रपति ने फिर इस मार्शल लॉ को हटाने का फैसला लिया। 

मीडिया भी मार्शल लॉ के अधीन 

बता दें कि मंगलवार को मॉर्शल लॉ के तहत राष्ट्रीय असेंबली सहित सभी राजनीतिक गतिविधियों और प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई वहीं मीडिया को भी मॉर्शल लॉ के अधीन कर दिया गया। राष्ट्रपति के इस कदम का संसद ने विरोध किया है। 300 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली के 190 मौजूद सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर मॉर्शल लॉ काे खारिज करते हुए इसे वापस लेने की मांग की। साउथ कोरिया के इन सियासी हालातों पर अमेरिका और ब्रिटेन ने कहा है कि वे सियोल की राजनीतिक स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। 

उत्तर कोरिया से सहानुभूति का लगाया आरोप

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति योल ने टीवी पर जनता को संबोधित करते हुए मॉर्शल लॉ की घोषणा करते हुए विपक्षी दलों पर शासन को अस्थिर करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और देश की संवैधानिक व्यवस्था को ख़तरे में डालने का रोप लगाया। उन्होंने कहा कि मार्शल लॉ के जरिये वे कोरिया गणराज्य का स्वतंत्र पुनर्निर्माण और सुरक्षा करेंगे जो विरोधी ताकतों की गतिविधियों के चलते बर्बादी की ओर जा रहा है। इसके लिए जल्दी ही राष्ट्र विरोधी ताकतों को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से भरोसा रखने और कुछ असुविधाएं स्वीकार करने की अपील की।

अपनी ही पार्टी में विरोध

राष्ट्रपति की अपनी पीपल्स पावर पार्टी के नेता हान डोंग-हून ने मार्शल लॉ की घोषणा को गलत कदम बताया है और लोगों के सहयोग से इसे रोकने की कसम खाई है।

क्यों दक्षिण कोरिया में बिगड़े हालात 

दरअसल इस साल की शुरुआत में दक्षिण कोरिया में संसदीय चुनाव हुए जिसमें विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी को भारी बहुमत मिला था। जबकि राष्ट्रपति योल की पीपल्स पावर पार्टी हार गई थी। ऐसे में संसद में विरोधी दल के बहुमत के चलते कोई बिला पारित नहीं हो पा रहे थे, इसके लिए राष्ट्रपति योल ने वीटो से काम चलाया। इसी स्थिति में मनचाहे कानून पारित नहीं होने से राष्ट्रपति की स्थिति कमजोर हो रही है कई सर्वे में ये बताया गया कि इससे राष्ट्रपति की लोकप्रियता में भी गिरावट आई है। इतना ही नहीं राष्ट्रपति की पत्नी और दूसरे करीबी लोगों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। वहीं तीन अभियोजकों पर महाभियोग की कोशिश हुई है। संसद में विपक्ष ने बजट में ड़ी कटौती भी कर दी है। 

सेना के हवाले हो जाएगा पूरा देश- विपक्ष

इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष के नेता ली जे-म्यांग ने कहा है कि मार्शल लॉ अवैध और असंवैधानिक है। टैंक, बख्तरबंद वाहन और बंदूकों और चाकुओं से लैस सैनिक देश पर राज करेंगे। कोरिया गणराज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। मेरे साथी नागरिकों, कृपया नेशनल असेंबली में आएं।
वहीं मार्शल लॉ कमांडर मार्शल लॉ जनरल पार्क अन-सू ने कहा है कि मार्शल लॉ की अवहेलना करने वालों को बिना वारंट के गिरफ्तार या हिरासत में लिया जा सकता है और तलाशी ली जा सकती है। ऐसे लोगों को दंडित किया जा सकता है। हालांकि अब राष्ट्रपति के बदले गए फैसले के मुताबिक मार्शल लॉ लागू करने का फैसला भी वापस ले लिया गया है। 

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