scriptइतने साल बाद खत्म हो जाएगा धरती से जीवन! वैज्ञानिकों ने वजह बताते हुए जारी किया अलर्ट  | Earth climate change become Dangerous signals 25 limits broke out of 35 | Patrika News
विदेश

इतने साल बाद खत्म हो जाएगा धरती से जीवन! वैज्ञानिकों ने वजह बताते हुए जारी किया अलर्ट 

Climate Change: ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती की जलवायु जिस हालत में है वो एक भयानक संकेत दे रही है। जीवन से जुड़े 35 में से 25 सीमाएं टूट चुके हैं। सिर्फ 10 ही बाकी हैं अगर ये 10 संकेतक टूटे तो धरती पर जीवन ही नहीं बचेगा।

नई दिल्लीOct 10, 2024 / 04:41 pm

Jyoti Sharma

Earth climate change become Dangerous signals 25 limits broke out of 35

Earth climate change become Dangerous signals 25 limits broke out of 35

Climate Change: हमारी पृथ्वी जलवायु परिवर्तन के एक निर्णायक और अप्रत्याशित नए चरण में प्रवेश कर चुकी है। हमारे वायुमंडल में ऐसे पलटे नहीं जा सकने वाले परिवर्तन हो रहे हैं, जिसके चलते पृथ्वी पर जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा खतरे की जद में आ रहा है। हमारे ग्रह (Earth) पर जीवन से जुड़े 35 में से 25 संकेतक ऐसे हैं जो अपनी चरम सीमा पर पहुंच गए हैं। इस तरह से पृथ्वी पर अब वैश्विक जलवायु आपातकाल दस्तक दे रहा है। ऑक्सफोर्ड की प्रकाशित मैग्जीन बायोसाइंस के ताजा शोधपत्र में यह दावा किया गया है।

2100 तक 2.7 डिग्री बढ़ जाएगा तापमान

इस पत्रिका में ये कहा गया है कि, तमाम चेतावनियों के बावजूद हम अभी भी गलत दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन अब तक के उच्चतम स्तर पर है। 2024 के जुलाई माह में पृथ्वी के अब तक के 3 सबसे गर्म दिन दर्ज किए गए हैं। जिन नीतियों पर हम चल रहे हैं वो हमें 2100 तक पृथ्वी का तापमान लगभग 2.7 डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी की ओर ले जा रही हैं, जो कि पेरिस एग्रीमेंट के 1.5 डिग्री तापमान बढ़ोतरी की सीमा से बहुत ज्यादा है। एक ऐसी भयावह स्थिति होगी, जिसका मानव अस्तित्व के इतिहास में पहले कभी सामना नहीं किया गया।

इस तरह पैदा हो रहीं चरम जलवायु स्थितियां

1-वैश्विक तापमान अब तक के उच्चतम स्तर पर है और वर्ष 2024 अब तक के सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज होने की ओर बढ़ रहा है।
2-महासागर की ऊष्मा सामग्री और अम्लता दोनों अभूतपूर्व चरम पर हैं, जिससे समुद्री जानवरों की बड़े पैमाने पर मौत हो रही हैं, विशेष रूप से 2021 और 2023 की गर्म लहरों के दौरान।

3- नाइट्रस ऑक्साइड, दीर्घकालिक मौजूदगी वाली ग्रीनहाउस गैस की वायुमंडल में उपस्थिति 1980 से 2020 तक लगभग 40% बढ़ गई।
4- 2023 में कोयले और तेल (जीवाश्म ईंधन) के उपयोग में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जीवाश्म ईंधन की खपत अब भी सोलर और विंड ऊर्जा की तुलना में 14 गुना ज्यादा है।

5- मानव और पशुधन की आबादी ख़तरनाक दर से – क्रमशः लगभग 200,000 और 170,000 प्रतिदिन बढ़ रही है।
6- पृथ्वी से वैश्विक वृक्ष आवरण भी तेजी से घटा है। 2022 में पृथ्वी से 28.3 मेगा हैक्टेयर इलाके में वृक्ष कम हुए, जिसकी दर 2023 में बढ़कर 22.8 मेगा हेक्टेयर हो गई। यह रिकॉर्ड तीसरी सबसे बड़ी वृक्ष कम होने की दर है। अकेले जंगल की आग से ही 11.9 मेगा हैक्टेयर वृक्ष आवरण का रिकॉर्ड नुकसान हुआ।

प्रति व्यक्ति ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन यूएई में सबसे ज्यादा

अध्ययन के अनुसार, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी रिकॉर्ड स्तर पर है, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड की सांद्रता वायुमंडल में गंभीर रूप से उच्च हो गई है। इन गैसों के दुनिया भर में शीर्ष तीन उत्सर्जक देश चीन, अमरीका और भारत हैं, जबकि प्रति व्यक्ति उत्सर्जन दर सबसे अधिक संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया में देखा जाती है।

साल के आठ महीने बना नए तापमान का रेकॉर्ड, सितंबर रहा दूसरा सबसे गर्म

सितंबर 2024 में पृथ्वी की सतह का औसत तापमान 16.17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस तरह सितम्बर 2024 का महीना जलवायु इतिहास का अब तक का दूसरा सबसे गर्म सितम्बर का महीना रहा, जबकि तापमान औद्योगिक काल (1850 से 1900) से पहले की तुलना में 1.54 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। गौरतलब है कि साल 2023 में अब तक का सबसे गर्म सितम्बर का महीना दर्ज किया गया था। यूरोप की कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने इस तापमान बढ़ोतरी की पुष्टि की है।
आंकड़ों के मुताबिक इस साल के पहले आठ महीनों में से कोई भी महीना ऐसा नहीं रहा जब बढ़ते तापमान ने नया रिकॉर्ड न बनाया हो। वहीं पिछले 15 महीनों में यह 14वीं बार है जब वैश्विक तापमान औद्योगिक काल से पहले की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है।

Hindi News / world / इतने साल बाद खत्म हो जाएगा धरती से जीवन! वैज्ञानिकों ने वजह बताते हुए जारी किया अलर्ट 

ट्रेंडिंग वीडियो