शी जिनपिंग ने की थी युद्ध रोकने की अपील
बता दें कि पिछले हफ्ते चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इजरायल और हमास को लेकर किसी भी तरह की पहली टिप्पणी की थी। मीडिया को संबोधित करने के दौरान उन्होंने युद्ध विराम का आह्वान किया था और मिस्र और अन्य अरब देशों के साथ समन्वय करने की पेशकश करते हुए फिलिस्तीनी मुद्दे के जल्द से जल्द व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी समाधान पर जोर दिया था। बता दें कि चीन ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन जरूर किया है लेकिन हमसा की निंदा करते हुए एक शब्द भी नहीं कहा है।अमेरिकी नेताओं ने की शी से बातचीत
हमास अब तक इजरायल के 1400 से ज्यादा लोगों को मार चुका है, जिनमें ज्यादातर नागरिक शामिल थे। अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने बीजिंग यात्रा पर इजरायल-हमास युद्ध के मुद्दे पर शी से बातचीत की। सीनेट के मेजोरिटी लीडर चक शूमर ने चीन से इज़रायल के साथ खड़े होने और हमलों की निंदा करने के लिए कहा था। उन्होंने वांग पर इस कठिन समय में इज़रायल के लिए कोई सहानुभूति या समर्थन नहीं दिखाने की आलोचना भी की।
इजरायल ने लगाई थी चीन को फटकार
वहीं इजरायलियों ने भी चीन को खुलकर फटकार लगाई थी। 13 अक्टूबर को चीनी भाषा में जारी बयान के मुताबिक, एशिया-प्रशांत मामलों के प्रभारी उप महानिदेशक रफ़ी हरपाज़ ने मध्य पूर्व मुद्दे पर विशेष दूत झाई जून को एक कॉल के दौरान बताया कि बीजिंग में इजरायली दूतावास ने कहा कि इजरायल चीन के आधिकारिक बयानों और मीडिया रिपोर्टों से बहुत निराश है।
इजरायल को लेकर बदला चीन का रुख
न्यूज एसेंजी सिन्हुआ के मुताबिक, वांग ने सोमवार को कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष के लगातार बढ़ने और भयावह स्थिति से चीन बहुत चिंतित है। चीन इस संघर्ष की वजह से बड़ी संख्या में नागरिकों के हताहतों होने से बहुत दुखी है। उसने एक बार फिर से नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाले सभी कृत्यों की निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों के किसी भी उल्लंघन का विरोध किया।
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