भारत और श्रीलंका के बीच एक बहुआयामी संबंध
भारत और श्रीलंका के बीच एक बहुआयामी संबंध हैं, जो गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों द्वारा विशेष रूप से पहचाना जाता है। दक्षिण एशिया में रणनीतिक रूप से स्थित, दोनों देश एक समुद्री सीमा साझा करते हैं, जो पाक जलडमरूमध्य द्वारा अलग होती है। इस भौगोलिक निकटता ने सुरक्षा और आर्थिक पहलों में महत्वपूर्ण सहयोग को बढ़ावा दिया है। भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और आर्थिक एकीकरण को बढ़ाने के लिए एक संभावित एकल बाजार स्थापित करने पर चर्चा चल रही है। इसके अलावा, भारत श्रीलंका के IMF के वित्तीय पुनर्गठन प्रस्ताव का समर्थन करने वाला पहला देश था, जो द्वीप राष्ट्र की आर्थिक पुनर्प्राप्ति के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
श्रीलंका की चीन के साथ निकटता चिंता का विषय
भारत और श्रीलंका के बीच संस्कृतिक रूप से गहरे संबंध हैं, विशेषकर बौद्ध धर्म में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2020 में 15 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा बौद्ध धरोहर को बढ़ावा देने के लिए की गई, जिसमें पुनर्स्थापन परियोजनाएं, भिक्षुओं के लिए शैक्षिक पहल, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान शामिल हैं। हालांकि, इस संबंध ने कुछ चुनौतियों का सामना किया, विशेषकर श्रीलंकाई गृह युद्ध के दौरान, जब भारतीय हस्तक्षेप विवादास्पद था। हाल के वर्षों में, श्रीलंका की चीन के साथ निकटता, विशेषकर नौसेना समझौतों के संदर्भ में, भारत के लिए चिंता का विषय बन गई है। फिर भी, भारत और श्रीलंका ने 2015 में एक परमाणु ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर किए और 2023 में, वे अपने आर्थिक और ऊर्जा सहयोग को मजबूत कर रहे हैं। भारत के विदेश मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में श्रीलंका के समर्थन की प्रतिबद्धता को दोहराया, जो सहयोग के एक नए चरण को चिह्नित करता है। उनकी उपलब्धियों पर गर्व
हिन्दू कॉलेज (Hindu College)की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव ने कॉलेज की प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा हरिनी अमरसूर्या की तरक्की पर गर्व किया है। अंजू श्रीवास्तव ने कहा, यह सम्मान की बात है कि कॉलेज की एक छात्रा
हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की प्रधानमंंत्री बन गई है, हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। मुझे उम्मीद है कि हिन्दू कॉलेज में बिताए गए समय ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी।
नई भूमिका भारत- श्रीलंका के रिश्तों में मजबूती लाएगी
उस समय हिन्दू कॉलेज के स्टूडेंट हॉस्टल के अध्यक्ष नलिनराजसिंह ने कहा, ये 1990 का दशक था और हम में से बहुत से लोग मसलन अर्नब गोस्वामी ( Arnab Goswami) और इम्तियाज अली ( Imtiyaz Ali) अपनी पहचान बनाने में लगे थे। हरिनी अमरसूर्या को प्रधानमंत्री बनते देखना बहुत अदभुत है। हरिनी अमरसूर्या की नई भूमिका भारत और श्रीलंका के बीच रिश्तों में मजबूती लाएगी। गौरतलब है कि नेशनल पीपुल्स पॉवर की हरिनी अमरसूर्या को
राष्ट्रपति
अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई है।
कॉलेज की डिबेटस में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं
हिन्दू कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव ने कहा, हिन्दू कॉलेज के छात्रों की सरकार में रहने की एक लंबी परंपरा रही है। हरिनी की नियुक्ति कॉलेज के इतिहास में मील का एक और पत्थर है तो हरिनी के बैचमेट बॉलीवुड निर्देशक नलिनराजसिंह ने अपने छात्र जीवन को याद किया और कहा कि मुझे उनके बारे में थोड़ा बहुत याद है, वो कॉलेज की डिबेटस में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थीं।