‘झूठी है ये धमकियां’
पेंसिलवेनिया के गवर्नर जोश शापिरो ने मंगलवार (स्थानीय समय) को बताया कि पेंसिल्वेनिया में कई मतदान केंद्रों और नगरपालिका भवनों को बम से उड़ाने की झूठी धमकी मिली। संघीय जांच ब्यूरो (FBI) और राज्य के अधिकारी इन धमकियों की जांच कर रहे हैं। USA टुडे ने चेस्टर काउंटी बोर्ड ऑफ इलेक्शन के अध्यक्ष जोश मैक्सवेल के हवाले से बताया कि वेस्ट चेस्टर में एक इमारत जहां मतदान सेवाएं स्थित हैं, बम की धमकी मिलने के तुरंत बाद खाली करा दिया गया, और मतदाताओं को अन्य मतदान केंद्रों पर भेज दिया गया। कई स्विंग राज्यों में कई तरह की धमकियां मिली हैं।
USA Today की एक खबर के मुताबिक जॉर्जिया के फुल्टन काउंटी में पुलिस प्रमुख वेड येट्स के हवाले से बताया कि बम की धमकियों के कारण लगभग 32 मतदान केंद्रों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था, हालांकि चुनाव के दिन पुलिस ऐसी धमकियों के लिए पूरी तरह तैयार थी। एरिजोना और जॉर्जिया को भी बम की झूठी धमकियां मिली हैं, अधिकारियों को इन धमकियों के पीछे रूसी लिंक होने का संदेह है।
रूस और ईरान का मिला था खुफिया एजेंसियों को लिंक
दरअसल अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो यानी FBI ने मंगलवार को चेतावनी जारी की थी। FBI का कहना था कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Elections) में विश्वास को कम करने और अमेरिकियों के बीच बंटवारे को बढ़ावा देने का रूस बड़ी तेजी से काम कर रहा है वो इन चुनावों को प्रभावित करने का काम कर रहा है। USA के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने FBI और साइबर सुरक्षा और अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी के साथ एक संयुक्त बयान में कहा कि “रूस सबसे सक्रिय खतरा है”। एजेंसियों ने कहा कि रूस औऱ ईरान अमेरिका के चुनाव में विश्वास को खत्म करने, वोटर्स के मन में डर पैदा करने वाले वीडियो बना रहे हैं और फेक खबरें फैला रहे हैं। ऐसे में चुनावों की वोटिंग के दौरान हिंसा भड़क सकती है, सिर्फ इतना ही इसका प्रभाव चुनावी नतीजों पर बड़े पैमाने पर पड़ सकता है।