आखिर क्या है यह नियम ?
यहां के ड्रॉप-ऑफ जोन में गले मिलने के लिए तीन मिनट की सीमा तय की गई है। ऐसा अजीब नियम बनाने के पीछे का मकसद एयरपोर्ट पर सुरक्षा और भीड़ कम रखना है। एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि ये चेतावनी संदेश आमतौर पर एयरपोर्ट के ड्रॉप-ऑफ क्षेत्रों में दिए जाते हैं। इसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान है।
क्यों तय की गई गले मिलने की समय सीमा ?
दरअसल, ड्रॉप-ऑफ जोन में भीड़भाड़ से बचने और सुरक्षा कारणों से लोगों को यहां ज्यादा देर तक रुकने से रोकने के लिए गले मिलने की समय सीमा तय की गई है। ऐसा करने से हवाई अड्डे पर अनावश्यक यातायात, वाहनों व लोगों की भीड़ को कम किया जा सकता है। इससे लोगों की सुरक्षा में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। यह नियम बनाने की अहम वजह
वैसे,
एयरपोर्ट प्रबंधन का एक तर्क यह भी है कि 20 सैकंड का आलिंगन ऑक्सीटोसिन रिलीज करने के लिए बहुत है। उसके बाद अजीब लगता है। इसलिए, जो लोग अपने परिवार के सदस्यों या प्रियजनों को छोड़ने के लिए आते हैं, उन्हें विदाई देते समय अनावश्यक भावनात्मक समय नहीं लेना चाहिए। ड्रॉप-ऑफ़ ज़ोन सभी के लिए है। लेकिन, कई लोगों को बहुत ज्यादा समय लग रहा था। इस वजह से यहां दूसरों के लिए कोई जगह नहीं बची। ऐसे नियम से यहां हर किसी को गले मिलने का मौका मिलेगा।