जब देखा हिमालय
स्कूल-कॉलेज में एनएसएस से जुड़ी थी। स्कूल में कैंप के दौरान पहली बार घर से बाहर निकली। एक डूंगरी चढ़ी। कॉलेज में हिमाचल प्रदेश जाने का मौका मिला। पहली बार हिमालय देखा, तो लगा कि अब कुछ करना है। फिर बचेंद्री पाल के साथ कुछ यात्राओं पर गई। इसके बाद सिलसिला शुरू हो गया।
सारी ऊंची चोटियां छूने की ख्वाहिश
मैंने दुनिया की पहले और चौथे नंबर की ऊंची चोटियों पर कदम रखा है। मैं दुनिया के सभी सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराना चाहती हूं, लेकिन पर्वतारोहण ऐसा क्षेत्र है, जिसमें काफी पैसों की जरूरत होती है। मैंने माउंट एवरेस्ट चढऩे के लिए भी दस साल का लंबा इंतजार किया है। मैं चाहती हूं कि अपना यह सपना जल्द से जल्द पूरा कर सकूं।
नैना धाकड़, संडे गेस्ट एडिटर