scriptमोटिवेशन : कभी बात करने में शरमाते थे आज हैं टॉप के क्रिमिनल लॉयर | Motivational story : How Amit Desai becomes a criminal lawyer | Patrika News
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मोटिवेशन : कभी बात करने में शरमाते थे आज हैं टॉप के क्रिमिनल लॉयर

अमित देसाई बचपन में बहुत शर्मीले थे और बात करने में हिचकते थे। अब कोर्ट में जब पक्ष रखते हैं तो दूसरा पक्ष खुद को कमजोर मानने लगता है।

Mar 05, 2018 / 11:28 am

अमनप्रीत कौर

Amit Desai

Amit Desai

अमित देसाई बचपन में बहुत शर्मीले थे और बात करने में हिचकते थे। अब कोर्ट में जब पक्ष रखते हैं तो दूसरा पक्ष खुद को कमजोर मानने लगता है। वकीलों के परिवार से हैं। दादा वकील थे तो पिता सीनियर काउंसिल थे और क्रिमिनल लॉ के एक्सपर्ट थे। परिवार में करीब 70 दशक से ये सिलसिला जारी है। बी-कॉम के बाद लॉ की पढ़ाई का इरादा नहीं था और एमबीए कर बिजनेस के क्षेत्र में जाना चाहते थे। घर पर बात कर लॉ की पढ़ाई का फैसला किया। लॉ पूरी होने पर इन्हें भाई रेगे, दिलीप उदेशी और अशोक मोदी जैसे वरिष्ठ वकीलों के साथ काम का मौका मिला। 1982 में बार जॉइन किया। 1984 में भोपाल गैस ट्रैजेडी मामले को करीब से देखा है। बोफोर्स घोटाले ने रुचि क्रिमिनल लॉ में बढ़ा दी। सलमान खान से जुड़े एक आपराधिक मामले का केस लड़ चुके हैं। कहते हैं कि आपराधिक मामलों को लेकर किसी अधिवक्ता पर पैसा लगा रहे हैं तो इनसे बेहतर कोई भी नहीं है।
चर्चा में : पंजाब नेशनल बैंक घोटाले को लेकर सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए विपुल अंबानी के वकील हैं। इन्होंने कहा है कि इनके मुवक्किल का आरोपी नीरव मोदी से कोई कनेक्शन नहीं है। वे निर्दोष हैं।
बी-कॉम में स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद लॉ की पढ़ाई का इरादा नहीं था। एमबीए कर बिजनेस के क्षेत्र में जाना चाहते थे।

जासूसी से नौकरी शुरू हुई अब पुलिस के बड़े अफसर
नील मूल रूप से बंगाल के हैं। ब्रिटेन के लंदन मेट्रोपोलिटन पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर रहे हैं। इस विभाग का काम पुलिस के भ्रष्ट अफसरों की जासूसी कर उन्हें पकडऩा है। इसके बाद इन्हें एंटी टेररिज्म पुलिसिंग में काम का मौका मिला। हर बड़ी घटना की तह तक जाने में माहिर हैं। इनके इसी गुण की बदौलत इन्हें साउथ ईस्ट लंदन पुलिसिंग का कमांडर नियुक्त किया। आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए रणनीति बनाने के साथ बंधकों को सुरक्षित रिहा कराने के लिए इन्हें जाना जाता है। एक कार्यक्रम में कहा था कि दुनियाभर में पुलिस फोर्सों में कटौती आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। बढ़ती आबादी के साथ पुलिस फोर्स में बढ़ोतरी के साथ उन्हें तकनीकी रूप से मजबूत बनाना होगा जिससे सभी देशों में आंतरिक सुरक्षा मजबूत रह सके।
चर्चा में : हाल ही इन्हें ब्रिटेन के आतंक निरोधक सेल का चीफ बनाने की बात चल रही है। अगले माह रिटायर हो रहे मार्क रॉवली की जगह ले सकते हैं। ब्रिटेन में इस जॉब को बेहद कठिन और खतरों से भरा माना जाता है।
2000 में लंदन पुलिस के स्कॉटलैंड यार्ड शाखा में डिटेक्टिव इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती हुए थे। अपने काम से विभाग में अलग पहचान बनाई।

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