एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाएं गंभीर और जीवन पर असर डालने वाले दर्द के साथ विविध और जटिल लक्षणों से पीड़ित होती हैं। मासिक के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण एंडोमेट्रियल जैसे ऊतक (टीशू) में कोशिकाएं बढ़ती हैं और फिर टूट जाती हैं और उन जगहों पर खून बहने लगता है।
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मासिक धर्म के दौरान मासिक धर्म का रक्त शरीर से बाहर निकल जाता है, मगर इसमें यह रक्त अंदर ही रह जाता है, जिससे टीशू पैदा होते हैं। यह गंभीर पैल्विक (शरीर का वो हिस्सा है जिसमें ब्लैडर, यूटेरस, वजाइना और रेक्टम होते हैं) दर्द का कारण बन सकता है।
दिल्ली और असम की 18 वर्ष से अधिक आयु की 21 महिलाओं और 10 पुरुष भागीदारों को शोध में शामिल किया गया, जिनमें लैप्रोस्कोपिक विधि से एंडोमेट्रियोसिस का पता लगाया गया था। महिलाओं के जीवन पर एंडोमेट्रियोसिस के दीर्घकालिक प्रभाव को और समझने की जरूरत है।
शोधकर्ताओं ने एक समीक्षा पत्रिका में लिखा, हमारे निष्कर्ष महिलाओं और उनके सहयोगियों के जीवन पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए एंडोमेट्रियोसिस के शीघ्र निदान और उपचार में सुधार की जरूरत पर प्रकाश डालते हैं।
महिलाओं से जुड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ, भारत के शोधकर्ताओं ने एक शोध में कहा है कि विश्व स्तर इस बीमारी पर कम काम हुआ है, भारत में भी इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एंडोमेट्रियोसिस पर शोध का बढ़ता समूह मुख्य रूप से उच्च आय वाले देशों (एचआईसी) से है और भारत में इस स्थिति के साथ रहने वाली महिलाओं की वास्तविकता के बारे में बहुत कम जानकारी है।