चलती-फिरती वस्तुओं को ही देख पाते हैं कंगारू
कंगारू शाकाहारी जीव होता है और वह आमतौर पर फल, पत्ते और घास खाना पसंद करता है। वह कई दिनों तक बिना पानी पीए रह सकता है। उसकी आंखें बहुत तेज होती हैं, लेकिन ये सिर्फ चलती-फिरती वस्तुओं को ही देख पाते हैं। विश्व में सबसे अधिक कंगारू ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते है, यहां पर आपको कंगारू सडक़ों पर घूमते मिल जाएंगे।
कंगारू शाकाहारी जीव होता है और वह आमतौर पर फल, पत्ते और घास खाना पसंद करता है। वह कई दिनों तक बिना पानी पीए रह सकता है। उसकी आंखें बहुत तेज होती हैं, लेकिन ये सिर्फ चलती-फिरती वस्तुओं को ही देख पाते हैं। विश्व में सबसे अधिक कंगारू ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते है, यहां पर आपको कंगारू सडक़ों पर घूमते मिल जाएंगे।
अनोखी है कंगारू की चाल
कंगारू कूदते हुए करीब 32 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से भाग सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे एक बार में लगभग 15-20 फीट तक की छलांग लगा सकते हैं। कंगारू जमीन पर अपने दोनों पैर और पानी में तैरते वक्त अपने चारों पैर का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा कंगारू अपनी पूंछ का इस्तेमाल पांचवें पैर के रूप में करते हैं क्योंकि उनकी पूंछ इतनी शक्तिशाली होती है कि उस पर वे अपने शरीर का पूरा भार डाल सकते हैं।
कंगारू कूदते हुए करीब 32 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से भाग सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे एक बार में लगभग 15-20 फीट तक की छलांग लगा सकते हैं। कंगारू जमीन पर अपने दोनों पैर और पानी में तैरते वक्त अपने चारों पैर का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा कंगारू अपनी पूंछ का इस्तेमाल पांचवें पैर के रूप में करते हैं क्योंकि उनकी पूंछ इतनी शक्तिशाली होती है कि उस पर वे अपने शरीर का पूरा भार डाल सकते हैं।
मादा कंगारू 35-40 दिन में बच्चे को जन्म दे देती है
मादा कंगारू का गर्भकाल बेहद छोटा होता है और वह मात्र 35 से 40 दिनों में बच्चे को जन्म दे देती है। इतने छोटे गर्भकाल के कारण कंगारू का बच्चा पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता और वह अपनी मां के पेट पर बनी थैली में रहता है। बच्चे का पूर्ण विकास इसी थैली से शुरू होता है और यही कारण है कि जन्म के बाद भी बच्चा अपनी मां की थैली को ज्यादा सुरक्षित मानता है।
मादा कंगारू का गर्भकाल बेहद छोटा होता है और वह मात्र 35 से 40 दिनों में बच्चे को जन्म दे देती है। इतने छोटे गर्भकाल के कारण कंगारू का बच्चा पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता और वह अपनी मां के पेट पर बनी थैली में रहता है। बच्चे का पूर्ण विकास इसी थैली से शुरू होता है और यही कारण है कि जन्म के बाद भी बच्चा अपनी मां की थैली को ज्यादा सुरक्षित मानता है।
कंगारूओं में ये विशेषताएं भी होती हैं मौजूद
क्या आप जानते हैं कि कंगारू एक सामूहिक जीव है जो हमेशा झुंड में रहना पसंद करता है और अगर उनको कोई खतरा महसूस होता है तो वे अपनी पिछली टांगों को जमीन पर जोर से मारते हैं ताकि दूसरे सदस्य सावधान हो जाएं। इसके अतिरिक्त सबसे रोचक बात तो यह है कि कंगारू अपनी गर्दन को घुमाये बिना अपने कानों को किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं कि कंगारू एक सामूहिक जीव है जो हमेशा झुंड में रहना पसंद करता है और अगर उनको कोई खतरा महसूस होता है तो वे अपनी पिछली टांगों को जमीन पर जोर से मारते हैं ताकि दूसरे सदस्य सावधान हो जाएं। इसके अतिरिक्त सबसे रोचक बात तो यह है कि कंगारू अपनी गर्दन को घुमाये बिना अपने कानों को किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं।