यह तो सब जानते ही हैं कि सर्जरी से पहले मरीज को बेहोशी की दवा एनेस्थीसिया (Anesthesia) दी जाती है। इसके प्रभाव से शरीर की मुख्य तंत्रिका तंत्र या Reflex system थोड़ा सुस्त हो जाती है। ऐसे में शारीरिक क्रियाएं धीमी गति से होने लगती है। एनेस्थीसिया के चलते मरीज के सांस लेने की गति भी कम हो जाती है। इसलिए ऑपरेशन के समय मरीज को वेंटीलेटर (Ventilator) पर रखकर सांस लेने की प्रक्रिया को नॉर्मल रखने की कोशिश की जाती है।
एनेस्थीसिया का प्रभाव पाचन क्रिया पर भी पड़ता है। जैसे कि हमें पता है कि भोजन करने के बाद जब खाना पेट में प्रवेश करता है तो तमाम एसिड्स या अम्ल के संस्पर्श में आकर वह खाना पचता है।
सर्जरी से पहले खाना खाने से अगर यही एसिड युक्त खाना भोजन नली से होकर फेफड़ों में घुस जाए तो इससे फेफड़े जल सकते हैं। इस वजह से कई बार सर्जरी करने से पहले रोगी को Antacid दी जाती है।
चूंकि पाचन क्रिया ढ़ीली पड़ जाती है इस वजह से संभावना बनी रहती है कि पेट में मौजूद भोजन वापस एसोफैगस (भोजन नली) में चला जाए। इससे सांस लेने का मार्ग अवरुद्ध हो सकता है जिससे मरीज की मौत हो सकती है।