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अजब गजब

इस वजह से आज भी पृथ्वी पर रह रहे हैं हनुमान जी, श्रीराम के साथ लौटना चाहते थे स्वर्ग लेकिन…

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आज भी पृथ्वी पर इस काम की वजह से हैं मौजूद
अमर होने की बात को इस वजह से समझ जाते हैं हनुमान जी

Apr 07, 2019 / 11:08 am

Arijita Sen

Lord Hanuman

इस वजह से आज भी पृथ्वी पर रह रहे हैं हनुमान जी, श्रीराम के साथ लौटना चाहते थे स्वर्ग लेकिन…

नई दिल्ली। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि त्रेतायुग में केवल प्रभु श्रीराम की मदद करने के लिए शिव जी हनुमान जी के रूप में धरती पर आए थे। हम सभी इस बात को जानते हैं कि हनुमान जी संसार में अमर हैं, लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि उन्होंने अमरत्व का वरदान किससे प्राप्त किया? इसका राज क्या है? आइए जानते हैं।

Lord Hanuman image

बाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में इस बात का जिक्र मिलता है। इसमें लिखा गया है कि लंका पहुंचकर हनुमान जी ने माता सीता को ढूंढ़ने की बहुत कोशिश की।इसके बाद भी जब माता सीता नहीं मिली तो हनुमान जी ने उन्हें मृत मान लिया, लेकिन तभी उन्हें प्रभु श्रीराम का स्मरण हुआ और दोबारा अपनी पूरी शक्ति लगाकर अशोक वाटिका में उन्होंने सीता मइया को खोजना शुरू कर दिया।

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तब जाकर अशोक वाटिका के अंदर ही उन्हें सीता माता मिल गईं। इस बात पर ही सीता मइया ने उन्हें अमरता का वरदान प्रदान किया। तब से लेकर आज तक हनुमान जी धरती पर श्रीराम के भक्तों की रक्षा करते हैं।

हालांकि प्रभु श्रीराम का धरती पर रहने का एक निश्चित समय था। यह पहले से ही तय था कि धरती पर अपने काम को पूरा कर वह वापस स्वर्ग लौट जाएंगे। जब हनुमान जी को इस बात का पता चला तो वह बहुत दुखी हुए।

Lord Hanuman and Sita mata

हनुमान जी सीता मइया के पास गए और उनसे पूछा कि उनके प्रभु जब धरती पर रहेंगे ही नहीं तो उनका यहां क्या काम! हनुमान जी जिद करने लगते हैं कि उनसे अमरता का वरदान वापस ले लें।

Lord Hanuman with Sita mata

माता सीता हनुमान जी की इस स्थिति को देखकर प्रभु श्रीराम का ध्यान कर उन्हें वहां बुलाती हैं। श्रीराम कुछ ही देर में वहां प्रकट होते हैं और हनुमान जी को गले लगाते हैं।

Lord Hanuman with Shri Ram

प्रभु श्रीराम उनसे कहते हैं कि धरती पर एक समय ऐसा आएगा जब यहां पापी लोगों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाएगी और उस परिस्थिति में कोई भी देवता यहां अवतार लेकर नहीं आएंगे। ऐसे में राम भक्तों का बेड़ा पार उन्हें ही लगाना होगा।

Lord Hanuman

प्रभु के समझाने पर हनुमान जी अमरता के वरदान को समझ पाते हैं और इसे प्रभु श्रीराम की इच्छा समझकर स्वीकार करते हैं। इस वजह से कलियुग में भी जब कोई मुसीबत में पड़कर सच्चे मन से प्रभु श्रीराम को याद करता है तो हनुमान जी उसकी मदद जरूर करते हैं।

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