स्नेक आइलैंड, ब्राजील
स्नेक आइलैंड यानि सांपों के द्वीप के उपनाम से जाना-जाने वाला इल्हा डा क्यूइमाडा, ब्राजील के तट पर स्थित है। इस आइलैंड पर इंसानों नहीं बल्कि सांप ही सांप रहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां पर 4,000 प्रकार के अलग-अलग सांप पाए जाते हैं, जो अपने जहर से किसी की भी जान लेने में माहिर हैं। इस आइलैंड पर कई ऐसे सांप भी हैं, जो हवा में उछलकर चिड़ियों को शिकार बना लेते हैं। ब्राजील की नौसेना ने सभी नागरिकों को द्वीप के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
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प्रोवेग्लिया आइलैंड
इटली के प्रोवेग्लिया आइलैंड के बारे में कहा जाता है कि यहां जाने वाला जिंदा वापस नहीं आता। बताया जाता है कि सैकड़ों साल पहले इस आइलैंड पर प्लेग के मरीजों को जिंदा जला दिया जाता था। यहां घूमने वालों को कई डरावनी चीजें नजर आती है।
मियाके-जिमा, जापान
जापान के इजू द्वीपों में स्थित मियाके-जिमा की सबसे प्रमुख विशेषता सक्रिय ज्वालामुखी माउंट ओयामा है। हालिया इतिहास में ही कई बार फूट चुका है। सबसे नजदीकी विस्फोट 2005 में हुआ था। जिसके बाद से ज्वालामुखी से लगातार जहरीली गैसों का रिसाव हो रहा है, जिससे निवासियों को यहां जाने पर हर समय गैस मास्क ले जाने की आवश्यकता होती है।
सबा, नीदरलैंड एंटिल्स
कैरिबियाई हरीकेन नेटवर्क की वेबसाइट के अनुसार, सबा नाम के छोटे से द्वीप पर पिछले 150 सालों में दुनिया के किसी अन्य क्षेत्र की तुलना में ज्यादा गंभीर चक्रवात आ चुके हैं। इसमें 15 तीसरी श्रेणी के तूफान और सात पांचवी श्रेणी के तूफान भी शामिल हैं।
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बिकनी एटोल, मार्शल आइलैंड्स
यह यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है। लेकिन यह दो कारणों से खतरनाक है। एक परमाणु विकिरण और दूसरा शार्क। यह 1946 और 1958 के बीच 20 से अधिक परमाणु हथियारों के परीक्षण की जगह रही। हालांकि 1997 में द्वीपों को ‘सुरक्षित’ घोषित किया जा चुका है- इसके मूल निवासियों ने यहां लौटने से इनकार कर दिया है। लोगों को यहां उगाई गई चीजें खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
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स्कॉटलैंड के उत्तर में स्थित इस छोटे से द्वीप का इस्तेमाल ब्रिटिश सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जैविक युद्ध परीक्षणों के लिए किया था। बिल्कुल निर्जन इस इलाके का उपयोग अत्यधिक संक्रमणीय एंथ्रेक्स जीवाणु के प्रसार को जांचने के लिए हुआ था। जिसमें सैकड़ों भेड़ों की मौत हो गई थी और द्वीप को पूरी तरह से खाली कर दिया गया था। इतना ही नहीं इसके बाद एक और संभावित खतरनाक सामग्री- सैकड़ों टन फॉर्मेल्डेहाइड का उपयोग करके इस द्वीप को 1980 के दशक में साफ किया गया था।
मालदीव के दक्षिण में 800 किमी की दूरी पर स्थित, डेंजर आइलैंड अपने डरावने नाम के चलते इस लिस्ट में शामिल है। यह नाम इसके शुरुआती खोजकर्ताओं ने इसे दिया है। जिनके बीच सुरक्षित लंगर की कमी होने के चलते यह द्वीप खतरनाक माना जाता था।