राजस्थान के उदयपुर में स्थित इस मंदिर के निर्माण की कहानी बड़ी ही रोचक है। आइए जानते हैं कि इस मंदिर को कब और किसने बनाया था?
1100 साल पहले राजा महिपाल और रत्नपाल ने इस मंदिर को बनवाया था। कहा जाता है कि मेवाड़ राजघराने की राजमाता ने भगवान विष्णु और बहू ने शेषनाग के मंदिर का निर्माण यहां कराया था जिस वजह से इसे ‘सास-बहू का मंदिर’ कहा जाता है।
मंदिर के प्रवेश द्वार पर बने छज्जों पर महाभारत की पूरी कथा अंकित है। मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा 32 मीटर ऊंची और 22 मीटर चौड़ी है।सौ भुजाओं से युक्त इस मूर्ति के चलते इसे सहस्त्रबाहु मंदिर के नाम से भी पुकारा जाता है। यहां ब्रह्मा जी का भी एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है।
उदयपुर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों में से एक है सास-बहू का मंदिर। किसी जमाने में इन्हीं मंदिरों के आसपास मेवाड़ राजवंश की स्थापना हुई थी।
ऐसा कहा जाता है कि मुगलों ने जब दुर्ग पर कब्जा कर लिया था तो सास-बहू के इस मंदिर को चूने और रेत से भरवाकर बंद करा दिया गया था। हालांकि बाद में जब अंग्रेजों द्वारा दुर्ग पर कब्जा किया गया तो मंदिर को दोबारा खुलवाया गया।