आॅस्ट्रेलिया में लोग सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज में अपनी पॉटी बेचकर साल के लाखों रूपए कमा रहे हैं। इसके पीछे की वजह काफी रोचक है। दरअसल आॅस्ट्रलिया में मानव मल का इस्तेमाल फेकल मायक्रोबायोटा ट्रांसप्लांट (FMT) में किया जाता है।
बता दें इस ट्रांसप्लांट में मानव मल को मेडिसिन के साथ मिलाकर उसे मरीज के अंदर डाला जाता है। इसे ‘पूप ट्रांसप्लांट’ का नाम दिया गया है। इस ट्रांसप्लांट के जरिए कई बीमारियों का इलाज किया जाता है जैसे कि आॅटिजम,क्रॉनिक डायरिया इत्यादि।
ये भी पढ़ें: खुजली के चक्कर में प्राइवेट पार्ट में फंसा 3 फुट लंबा तार, डॉक्टरों के मुंह से निकला OMG!
हालांकि पहले यहां डोनर्स की काफी कमी थी जिसे देखते हुए सेंटर फॉर डाइजेस्टिव डिजीज ने मल डोनेट करने वालों को इंसेन्टिव देने की बात कह डाली।
इसमें सिर्फ इस बात की शर्त रखी गई है कि पॉटी डोनेट करने वाले शारीरिक रूप से स्वस्थ हो। डोनर्स का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) सही होना बहुत जरूरी है। इसके लिए पौष्टिक भोजन को अपने दैनिक आहार में अवश्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए। आॅस्ट्रेलिया में इसी के चलते लोग अभी अपने खान-पान को लेकर बहुत सजग है और हो भी क्यों न बात लाखों की जो है।