आजकल तो घड़ी एक स्टाइल स्टेटमेंट भी बन गई है। अपनी पर्सनैलिटी में चार चांद लगाने की बात हो या घर के इंटीरियर को बेहतर बनाना हो, आजकल घड़ी का इस्तेमाल हर कही होता है।
आज हम आपको घड़ी से ही संबंधित एक बात बताने जा रहे हैं। आज हम दुनिया की सबसे पहली और सबसे पुरानी घड़ी के बारे में बताएंगे और कैसे यह लोगों के नजरों में आई इसका भी जिक्र करेंगे।
सबसे पहले बता दें, इस घड़ी का निर्माण पीटर हैनलैन ने किया था। वर्तमान समय में यह घड़ी पोमैंडर के नाम से मशहूर है। इसका आकार सेब की तरह है।
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 1987 में लंदन के एक घड़ी बनाने वाले ने कबाड़ी मार्केट से मात्र 10 पाउंड में एक बॉक्स को खरीदा था। उसके बाद उसने इसके अंदर से इस पुरानी घड़ी को निकाला। साल 2002 में उस वॉच मैकेनिक ने उस घड़ी को बेच दिया। मैकेनिक से जिसने उस घड़ी को खरीदा बाद में उसने भी उसे आगे बेच दिया। इस प्रकार यह घड़ी बिकती गई।
एक दिन यह एक रिसर्चर के पास पहुंची। रिसर्चर को यह काफी इंटेरेस्टिंग लगी। उसने इसका परीक्षण किया तो पता चला कि यह सोने और कॉपर की बनी हुई है। शोधकर्ता ने अंदाजा लगाया कि इसे सन् 1505 के आसपास बनाया गया था। जिसे लोग अब तक फालतू समझ रहे थे, वर्तमान में उसकी कीमत 30 से 50 मिलियन यूरो है।रिसर्च के निष्कर्षो के अनुसार यह दुनिया की पहली घड़ी है।