यह उन दिनों की बात है जब इस्कॉन का विस्तार यूरोपीय देशों में हो रहा था। यहां हजारों की तादात में लोग इस संस्था से जुड़ रहे थे। साल 2011 में यूरोप में स्थित देश पोलैंड की राजधानी Warsaw में एक नन से यह सबकुछ सहा नहीं गया और उसने इस्कॉन पर एक केस फाइल कर दिया।
मामला कोर्ट में पहुंचा। नन ने अदालत से मांग की कि पोलैंड में इस्कॉन को बैन कर दिया जाए। वह इस्कॉन के इस प्रभाव से खुश नहीं थी। उसने कोर्ट में कहा कि इस्कॉन के अनुयायी उस कृष्ण का गुणगान करते हैं जिनका चरित्र ठीक नहीं था। नन का कहना था कि श्रीकृष्ण ने 16,000 औरतों से शादी की थी। गोपियों संग उनकी रासलीला भी मशहूर हैं।
नन का विरोध करते हुए इस्कॉन के एक शख्स ने जज से विनती की कि वह नन से उस शपथ को दोहराने को कहें जिसे वह नन बनते समय ली थी। जज ने नन से उस शपथ को तेज आवाज में बोलने को कहा हालांकि नन चुप रही।
इस पर इस्कॉन के इस शख्स ने जज से कहा कि वह उसे उस शपथ को पढ़कर सुनाने की अनुमति प्रदान करें। जज ने ऐसा करने को कहा तो उस व्यक्ति ने कोर्ट में सबके सामने शपथ को जोर-जोर से पढ़के सुनाया। उस शपथ का मतलब साफ था कि नन बनने वाली हर स्त्री जीसस क्राइस्ट की विवाहिता होती हैं।
उस प्रतिवादी शख्स ने कहा कि माई लार्ड! श्रीकृष्ण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनकी 16,000 पत्नियां थीं। इस तरह से देखा जाए तो दुनिया भर में 10 लाख से अधिक Nun हैं जो कि Jesus Christ की विवाहिता हैं। ऐसे में अब आप निर्णय लीजिए कि भगवान कृष्ण और जीसस क्राइस्ट में किसका चरित्र ठीक नहीं है? इस बात को सुनते ही जज ने ISKCON के खिलाफ इस केस को फौरन खारिज कर दिया।