बात अगर हिंदू धर्म की करे तो इसमें कई सारे देवी-देवताओं को मानने का प्रचलन है। इनमें पवनपुत्र हनुमान जी की बात ही अलग है। हिंदुओं में शायद ही मुश्किल से कोई ऐसा होगा जिन्हें हनुमान जी पर कोई आस्था न हो।
बजरंगबली को मानने और उन्हें पूजने वालों की संख्या अनगिनत है। वैसे तो देश भर में हनुमान जी के कई सारे मंदिर हैं। इनमें से कई बहुत पुरानी भी हैं। लेकिन आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि न केवल पुरानी है बल्कि इसकी अपनी अलग खासियत भी है।
हम यहां बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के जबलपुर के खारीघाट में स्थित हनुमान प्रतिमा की जो करीब 600 साल से भी अधिक पुरानी मानी जाती है। इस प्रतिमा पर हनुमान जी की मूर्ति पर कटावदार रोएं बने हुए हैं जो उनके भीगे हुए बालों को दर्शाती है। नर्मदा तीर्थ ग्वारीघाट के पास खारीघाट में स्थित हनुमानजी की प्रतिमा पर बने हुए बालों को देखकर ऐसा लगता है कि मानों वो अभी-अभी नहाकर निकलें हों। इस प्रतिमा को देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे कि मानों इसमें जान हों।
ये प्रतिमा देखने में इतनी जीवंत लगती है कि ये लोगों के अविश्वास को विश्वास में बदल देती है। इस प्रतिमा में पवनपुत्र शनि देव को अपने पैरों के नीचे दबाए हुए हैं। यहां लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि रामायण काल के दौरान हनुमान जी स्वयं यहां आते थे। मान्यताओं के अनुसार आज भी हनुमान जी प्रतिमा स्थल पर फेरा लगाने के लिए आते हैं। यहां लोग दूर-दूर से आते हैं और अंजनिपुत्र का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं।