पुल में बनाए गए सुरंग की लंबाई 6.7 किलोमीटर है। इस पुल के प्रोजेक्ट मैनेजर गाओ जिनलिंग का इस बारे में कहना है कि इस सुरंग को बनाने में उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी।कई बार तो ऐसा भी हुआ जब रात को बिना सोएं उन्हें लगातार काम करना पड़ा। पानी के अंदर इस सुरंग को 80,000 टन पाइप्स की मदद से बनाया गया है। पानी के नीचे इस टनल को बनाने के लिए वाटरटाइट टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ा।
बताया जा रहा है कि इस पुल को बनाने में जिस मात्रा में स्टील का उपयोग किया गया है उससे 60 आइफिल टावर बनाया जा सकता है। इस ब्रिज को बनाने में 4,20,000 टन स्टील का प्रयोग किया गया है।समुद्र के ऊपर इस पुल को 1,510 करोड़ डॉलर की लागत से बनाया गया है। इस पुल को बनाने में नौ साल लगे हैं। 55 किलोमीटर यानि 34 मील लंबे इस पुल ने तीन घंटे की दूरी को घटाकर तीस मिनट कर दिया है।
जी, हां इस पुल के बनने से पहले चीन के जुहाई से हांगकांग पहुंचने में 3 घंटे का समय लगता था लेकिन अब केवल 30 मिनट का ही वक्त लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार इस पुल का इस्तेमाल आने वाले 120 सालों तक किया जा सकेगा। इस पुल से सफर के दौरान लगने वाले समय में 60 फीसदी कम समय लगेगा जिससे चीन में व्यापार बढ़ेगा और इसका सीधा सकारात्मक प्रभाव चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
हांलाकि इस पुल को बनाना आसान नहीं था। इसे बनाने के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए, कई कर्मियों को अपनी जान गवांनी पड़ी, बजट भी अनुमान के मुताबिक नहीं था। इन सारी वजहों से इसे बनाने में और ज्यादा वक्त लगा। इस पुल का उद्धाटन साल 2017 में कर दिया गया लेकिन इसे अभी भी आम जनता के लिए खोला नहीं गया है। इसकी ओपेनिंग डेट के बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं दी गई है।