ये ट्रेन न सिर्फ जर्मनी के वप्पर्टल के सुंदर दृश्य को बल्कि लटकती हुई ट्रेन में सफर करने को भी यादगार बनाती है। ये ट्रेन अपने आस-पास के खूबसूरत नजारों को दिखाती हुई तेज रफ्तार में चलती है। इस उल्टी-पुल्टी ट्रेन देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक आते हैं और इस शानदार ट्रेन का सफर भी करते हैं।
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120 वर्ष पुरानी रेल
ये उल्टी-पुल्टी ट्रेन का इतिहास भी काफी पुराना है। इस ट्रेक और ट्रेन को बने 120 वर्ष हो चुके हैं। लटककर चलने वाली अनोखी ट्रेन को 1901 में शुरू किया गया था। ट्रेन का रूट बनाने से पहले ही शहर इतना डेवलेप हो चुका था कि ट्रैक बिछाने की जगह ही नहीं बची थी।
तब से ट्रैक को ऊपर लगाकर हवा में लटकती हुई ट्रेन चलाने का आइडिया आया। सोशल मीडिया पर इस अनोखे रेलवे के वीडियो और तस्वीरें अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जाते रहे हैं।
13.3 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस ट्रेन को मोनरेल भी कहा जाता है। ये एक फिक्स्ड ट्रैक पर सड़कों से ऊपर होती हुई गुजरती है।
नदी, रास्ते, झरने और दूसरी चीज़ों को क्रॉस करती हुई ये ट्रेन लटके-लटके ही सफर पूरा कराती है। बता दें कि, जर्मनी के अलावा दुनिया में सिर्फ जापान ऐसा देश है, जहां सस्पेंशन रेलवे पाया जाता है। खास बात ये है कि ये ट्रैक 121 साल से ऑपरेशनल है। ट्रेन से रोजाना 82 हजार लोग सवारी करते हैं।
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